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Delhi Car Blast मामले में एक नहीं दो कारों का हुआ इस्तेमाल? जानें जांच में अब तक क्या-क्या हुए खुलासे

सोमवार की वो शाम, समय था 6 बजकर 52 मिनट...जब दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास अचानक ब्लास्ट हुआ. इसके बाद भड़की आग ने कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया. विस्फोट इतना जोरदार था कि सड़क पर लोगों के शरीर के अंग बिखरे पड़े हुए दिखे. कई लोग तो जल चुके थे.

सोमवार की वो शाम, समय था 6 बजकर 52 मिनट...जब दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास अचानक ब्लास्ट हुआ. इसके बाद भड़की आग ने कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया. विस्फोट इतना जोरदार था कि सड़क पर लोगों के शरीर के अंग बिखरे पड़े हुए दिखे. कई लोग तो जल चुके थे. लाल किला और चांदनी चौक के आस-पास अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए दिखाई दिए. इस ब्लास्ट के बाद पूरी दिल्ली दहल गई. घटना के बाद तमाम जांच एजेंसियां मामले की जांच में जुट गई हैं.

इस ब्लास्ट में जिन लोगों के नाम सामने आए उनमें से अधिकतर पेशे से डॉक्टर्स हैं. वही डॉक्टर्स जो लोगों की जिंदगी बचाते हैं और इसीलिए लोग उन्हें भगवान मानते हैं, लेकिन अब इन्हीं डॉक्टर्स का ये रूप देख कर लोग खौफ में हैं.

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दिल्ली ब्लास्ट के तार इस यूनिवर्सिटी से जुड़े

दिल्ली में 10/11 को हुए कार ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी भी अचानक लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. जांच में सामने आया है कि कथित तौर पर धमाके में शामिल कई आरोपी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं. ये वही यूनिवर्सिटी है जिसने कुछ समय पहले अपना मेडिकल कॉलेज शुरू किया था. ये यूनिवर्सिटी अब जांच एजेंसियों के निशाने पर है.

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NIA ने की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापेमारी

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार 11 नवबंर 2025 को पुलिस और NIA की टीम ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर एक साथ छापेमारी की थी. शुरुआती जांच में सामने आया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल-हिंद का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था. खबरों के मुताबिक, यह नेटवर्क शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में फंड ट्रांसफर और विस्फोटक इकट्ठा करने जैसे अन्य कामों में भी शामिल था.

पुलिस ने की फरीदाबाद की मस्जिदों में पूछताछ

पुलिस जांच अब फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव तक पहुंच चुकी है. जांच टीमों ने वहां की मस्जिदों में छानबीन की, क्योंकि डॉक्टर मुजम्मिल इन्हीं मस्जिदों में नमाज अदा करने जाता था. जांच में कश्मीर, तमिलनाडु और नूंह से आए जमातियों से भी पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद चार जमातियों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है.

क्या है ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई i-20 कार की मिस्ट्री?

दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई i-20 कार संदिग्ध उमर लेकर निकला था और उसी कार में बैठे हुए उसने दिल्ली में ब्लास्ट को अंजाम दिया था. बता दें कि उमर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था.

भारी मात्रा में बरामद हुआ था विस्फोटक

धमाके से ठीक पहले ही हरियाणा-फरीदाबाद में एक बड़ी छापेमारी हुई थी. इस दौरान बम बनाने के सामान और कई हथियार भी पुलिस ने बरामद किए थे. दिल्ली-हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर की टीमों की साझा कार्रवाई में लगभग 2,900 किलो के करीब संदिग्ध बम बनाने की चीजें मिली हैं. जिसमें अमोनियम नाइट्रेट सहित अन्य कच्चा माल भी शामिल था.

हरियाणा-गुजरात सहित इन राज्यों से भी जुड़े तार

जांच में ये भी सामने आया है कि यह मॉड्यूल सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं था. क्योंकि केन्द्रीय जांच एजेंसियों को यूपी, गुजरात, हरियाणा और कश्मीर तक फैला हुआ नेटवर्क मिला है. गुजरात में जो गिरफ्तारी हुई, उसमें लखीमपुर और शामली से जुड़े नाम भी सामने आए हैं. जिससे पता चलता है कि स्थानीय युवाओं को मदरसों और ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा गया था. इस मामले ने अब एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.

पुलिस को मिली एक और कार?

दिल्ली ब्लास्ट मामले में पुलिस एक और लाल रंग की कार की तलाश कर रही थी. इस कार को लेकर दिल्ली, यूपी और हरियाणा में अलर्ट जारी किया गया था. जिसके बाद पुलिस को आज ये कार फरीदाबाद के खंदावली इलाके से बरामद हुई है. इससे पहले जांच में सामने आया था कि संदिग्धों के पास एक और कार थी. फरीदाबाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस को अलर्ट किया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पांच टीमें बनाकर इस कार की तलाश शुरू कर दी थी. संदिग्ध कार फोर्ड की Ecosport कार है. जिसका रंग लाल है.

कार डीलरों पर भी पुलिस का एक्शन

दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच कर रही टीमों ने अब अपनी जांच की दिशा खरीद-फरोख्त करने वाली गाड़ियों के डीलरों की तरफ भी मोड़ दी है. एजेंसियों को शक है कि पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त के मॉड्यूल को इसी मकसद के लिए तैयार किया जा सकता है. अब कई टीमें पुरानी गाड़ियां खरीदने-बेचने वालों के संपर्क में हैं. इसे लेकर एक बड़ा डेटा इकट्ठा किया जा रहा है.

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