रायपुर: प्रदेश में श्रमिकों की बेटियां अब अपने सपने बुन रहीं हैं और सफलता की राह में आगे बढ़ रही है। प्रदेश सरकार की नोनी सशक्तिकरण योजना बेटियों को शिक्षित और सक्षम बनाने के लिए मददगार साबित हो रही है। योजना से मिले सहारे ने बेटियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार, छत्तीसगढ़ के श्रमिक परिवारों की बेटियों के शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में आर्थिक सहयोग के उद्देश्य से नोनी सशक्तिकरण योजना संचालित कर रही है।
धमतरी जिला मुख्यालय के गोकुलपुर वार्ड की रहने वाली माधुरी गुप्ता खुद तो रोजी-मजदूरी का काम करती है लेकिन उसकी हमेशा से इच्छा रही है कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। माधुरी शिक्षा के महत्व को समझती है। माधुरी बताती हैं कि पति की तबीयत खराब होने के बाद परिवार में वह अकेली कमाने वाली है। उसके लिए चार बच्चों की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई करवाना आसान काम नहीं था। लेकिन माधुरी ने बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लिया ताकि वे आगे बढ़ सकें। अभिभावक के तौर पर माधुरी ने अपनी जिम्मेदारी निभाने की भरपूर कोशिश की और अपने बच्चों को जीवन में हर परिस्थिति का डटकर सामना करने की सीख दी।
मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण के साथ-साथ बच्चों को पढ़ने के लिए भी प्रेरित करती रहीं। उनके इस संघर्ष को मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का सहारा मिला और वह अब अपनी बेटी को आगे पढ़ा रही है। नोनी सशक्तिकरण योजना के माध्यम से मिले आर्थिक सहयोग से माधुरी ने अपनी बेटी को 12वीं की पढ़ाई कराई और अब आगे उसका दाखिला आईटीआई में करवा रही है। गौरतलब है कि धमतरी जिले में मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से अब तक 1,999 हितग्राहियों को कुल 3 करोड़ 99 लाख 80 हजार रूपए की सहायता प्रदान की गई है।
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