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छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान; बोले- आत्मनिर्भर बन रहे हैं किसान

Chhattisgarh Agriculture Minister Ramvichar Netam: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम को इंदिरा गांधी कृषि विश्वद्यालय के 39वां स्थापना दिवस अंतर्राष्ट्रीय समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान मिला है।

Chhattisgarh Agriculture Minister Ramvichar Netam: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार प्रदेश के विकास के साथ-साथ राज्य के किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए भी काम कर रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं और अभियान चलाए जा रहे हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम को किसान हितैषी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान मिला है। मंत्री रामविचार नेताम को ये सम्मान इंदिरा गांधी कृषि विश्वद्यालय के 39वां स्थापना दिवस अंतर्राष्ट्रीय समारोह में मिला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों को सक्षम बनाने में साइंस, टेक्नोलॉजी और कृषि वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

आत्मनिर्भर बन रहे हैं किसान

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने आगे कहा कि इसी के परिणामस्वारूप आज प्रदेश के किसान एडवांस एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन रहे है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में किसानों के विकास और समृद्धि के लिए लगातार काम किया जा रहा है। आज हमारी सरकार देश के बाकी राज्यों की तुलना में किसानों को धान का वाजिब मूल्य प्रदान करती है। यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: मुठभेड़ में दो महिला नक्सली ढेर, एक कोबरा कमांडो भी घायल

किसानों को सक्षम बनाने के प्रयास जारी

कृषि मंत्री नेताम ने बताया कि देश के कृषि वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स को देश के किसानों को कृषि और उद्यानिकी क्षेत्र में पहले से ज्यादा सक्षम बनाने के बरे में सोचना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को सक्षम बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल और 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से धान खरीद कर किसानों को देश में सबसे ज्यादा कीमत दे रही है। इसके अलावा किसानों से किए गए वादों के मुताबिक उन्हें करीब 3800 करोड़ रुपये की बोनस राशि भी दी गई है। इससे प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे है। बता दें कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के 21 राज्यों के 400 से अधिक कृषि वैज्ञानिक और रिसर्चर्स शामिल हुए है।


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