Amrit Mahotsav: चंडीगढ़ में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, 7500 छात्रों ने मानव श्रृंखला के जरिए बनाया तिरंगा
चंडीगढ़: चंडीगढ़ सेक्टर 16 के क्रिकेट स्टेडियम में 13 अगस्त को एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज किया गया। यहां 7500 छात्रों ने मानव श्रृंखला के जरिए तिरंगा बनाया जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाने के लिए शनिवार सुबह 7500 छात्र राष्ट्रीय ध्वज के रंग के कपड़े पहनकर क्रिकेट स्टेडियम पहुंचे। इनमें से 2500 स्टूडेंट्स ने केसरिया, 2500 सफेद और 2500 हरे रंग का कपड़ा पहना था। इसके बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम की मौजूदगी में छात्रों ने मानव श्रृंखला बनाई।
राष्ट्रध्वज में डंडे के रूप में मुख्य अतिथि पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित, विदेश मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, मेयर सरबजीत कौर, चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी व लोग खड़े थे। एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम शामिल केंद्रीय संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित और पहलवान योगेश्वर दत्त ने आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई दी।
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पिछला रिकॉर्ड GEMS एजुकेशन को हासिल था
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स एडजुडिकेटर के स्वप्निल डांगरीकर ने रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन किया और कहा कि मानव श्रंखला के जरिए राष्ट्रीय ध्वज बनाने का पिछला रिकॉर्ड GEMS एजुकेशन को हासिल था जिसे एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने तोड़कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। वहीं, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि विश्व रिकॉर्ड के सफल निर्माण के साथ भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर चंडीगढ़ ने पूरी दुनिया को एक महान संदेश दिया है।
राज्यपाल ने कहा- कल्पना से बड़ा हो गया आयोजन
पुरोहित ने कहा, "यह आयोजन मेरी कल्पना से भी बड़ा हो गया है। मैं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर और एनआईडी फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक एस सतनाम सिंह संधू को हार्दिक बधाई देता हूं, जिनकी टीम ने यह उपलब्धि चंडीगढ़ और पूरे देश को हासिल की है। पुरोहित ने कहा कि एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लोगों को एक साथ लाकर देशभक्ति की भावना का जश्न मनाने और देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि देने का काम किया है।
भगत सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर भड़कीं केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री लेखी ने कहा कि भगत सिंह जैसे विभिन्न लोगों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने संगरूर के सांसद सिमरनजीत सिंह पर उनकी कथित 'आतंकवादी' टिप्पणी के लिए हमला करते हुए कहा, "कुछ लोग, अपनी राजनीति के लिए, भगत सिंह को आतंकवादी कहते हैं, लेकिन देश की आजादी के लिए उनका बलिदान अविस्मरणीय है। उन्होंने बहुत कम उम्र में अपने जीवन का बलिदान दिया।
छात्रों ने कहा- ऐतिहासिक गवाह का हिस्सा होने पर गर्व है
कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस करते हुए छात्रों में से एक ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं इस ऐतिहासिक घटना का हिस्सा हूं, एक ऐसी भूमि की स्वतंत्रता का जश्न मना रहा हूं जिसने हमें एक विशिष्ट पहचान दी है। एक अन्य छात्र शाहिद ने कहा कि यह एक ऐसा दिन है जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के साहसी बलिदानों को याद करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बता दें कि आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर भारत के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। पहल के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और तिरंगे के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
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