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बिहार

छपा पोस्टर मचा बवाल, पटना के चौक-चौराहे बने राजनीति का अखाड़ा

बिहार विधानसभा की कार्यवाही 8वें दिन भी हंगामेदार रही। विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने की कोशिश की गई। बिहार विधानसभा के बाहर राजद विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आरक्षण चोर कहते हुए गद्दी छोड़ने की मांग की। वहीं, बिहार की राजनीति में एक बार फिर 'पोस्टर वार' शुरू हो गई है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 11, 2025 18:49
Posters war in Bihar Politics

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राज्य का सियासी पारा हाई है। सत्ता पक्ष के निशाने पर राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी हैं। एकतरफ जहां सत्ता में बैठे नेता लालू-राबड़ी शासनकाल की लोगों को जोर-शोर से याद दिला रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पटना की सड़कों पर लालू यादव से जुड़ा एक पोस्टर चर्चा में है। दरअसल, 10 मार्च 1990 को ही लालू यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। इसे लेकर ही लालू पर तंज कसते हुए पटना में अज्ञात लोगों के द्वारा कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं।

क्या कहा गया पोस्टर में?

इन पोस्टरों में लालू को ढोल बजाते और दातून चबाते दिखाया गया है। पोस्टर में लिखा है कि आज ही के दिन लालू ने बिहार का ढोल बजाने और चारा खाने की की शपथ ली थी। पटना की सड़कों पर जो पोस्टर लगाए गए हैं उस पोस्टर का बैकग्राउंड काले रंग का है। लालू यादव की यह तस्वीर उन दिनों की है जब वो होली में ढोल बजाकर अपने अंदाज में होली सबके साथ खेलते थे। एक पोस्टर में लिखा गया है, ‘भूलेगा नहीं बिहार, 10 मार्च 1990 का वो काला दिन, जब लालू ने गाय का चारा भी चर लेने की शपथ ली थी। बिहार को मिला ‘तेल पिलावन -लाठी घुमावन राज।’ उनपर तंज कसते हुए ये पोस्टर लगाए गए हैं। हालांकि, पोस्टर किसने लगाया है इसे लेकर किसी तरह का जिक्र नहीं किया गया है। लेकिन, इस पोस्टर के जरिए लालू यादव को घेरने की पूरी कोशिश की गई है।

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10 मार्च 1990 को ही पहली बार सीएम बने थे लालू

बता दें कि 10 मार्च 1990 को पहली बार लालू यादव बिहार के मुख्यमत्री बने थे। इसके पांच साल बाद फिर से 1995 में विधानसभा चुनाव जीते और उनकी सत्ता में वापसी हुई थी। वर्ष 1997 में वे जनता दल से अलग हो गए और राष्ट्रीय जनता दल नाम से खुद की पार्टी बनाई थी। लेकिन, इसी बीच उन पर चारा घोटाला का आरोप लगा और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था।

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पोस्टर में तेजस्वी यादव पर निशाना 

वहीं, एक अन्य पोस्टर में नीतीश कुमार को फिर से बिहार की सत्ता सौंपने की अपील के साथ तेजस्वी यादव पर निशाना साधा गया है। इस पोस्टर में लिखा है, तेज रफ्तार मतलब दुर्घटना… सावधानी से चुनना सरकार ताकी 2025 में फिर से नीतीश कुमार। इस पोस्टर में तेजस्वी को कार ड्राइव करते हुए अपने ही एक पोस्टर में टक्कर मारते हुए दिखाया गया है।

लालू यादव के कार्यकाल पर निशाना

बिहार की राजनीति का पोस्टर वार यहीं खत्म नहीं होता है। एक अन्य पोस्टर में लालू यादव के कार्यकाल को दिखाते हुए एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में लिखा गया है, ‘लालटेन जलाने वाले किस मुंह से बिजली फ्री करने की बात करते हैं’। इस पोस्टर में आरजेडी के शासन में बिजली की कमी को दर्शाया गया है और बिहार में अपराधियों के बोलबाला को भी दिखाया गया है। पोस्टर में लालू फैमिली की तस्वीर के साथ अंधेरे में लालटेन जलाकर बैठे एक परिवार को दिखाया गया है। वहीं, पोस्टर के ऊपरी हिस्से में कुछ अपराधियों को बंदूक के साथ दिखाया गया है।

आरजेडी विधायकों ने किया जोरदार हंगामा

बिहार बजट सत्र के 8वें दिन राज्य में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्रवाई शुरू होते ही आरा में तनिष्क शोरूम में 25 करोड़ की लूट मामले को लेकर विपक्ष ने जैसे ही सरकार को घेरना को शुरू किया, सीएम नीतीश कुमार अपनी जगह पर खड़ा होकर खुद जवाब देने लगे। आरजेडी एमएलसी नागेंद्र कुमार ने आरा के साथ डुमरिया अरवल की एक घटना का जिक्र किया। इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जबाव देते हुए कहा राज्य में जहां भी कोई घटना होती है, वहां तत्काल कारवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि मैं खुद संज्ञान लेकर उसपर कार्रवाई करता हूं। आप मामले की लिखित जानकारी दीजिए, उस पर तत्काल कारवाई करूंगा।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 11, 2025 06:49 PM

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