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पटना में बेलगाम अपराध: 5 महीने में अचानक बढ़ी अपराध की घटनाएं, पढ़ें यह रिपोर्ट

Crime surge in Bihar capital: बिहार की राजधानी पटना में बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या के बाद सरकार और पुलिस की व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो पटना में पिछले 5 महीने में अपराध का ग्राफ अचानक से बढ़ गया है। आइये एक नजर डालते हैं पटना से अमिताभ ओझा की इस रिपोर्ट पर।

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा (Pic Credit-Social Media X)
Patna crime report: पटना, बिहार की राजधानी, इन दिनों अपराध की चपेट में है। हत्या, लूटपाट, चेन स्नैचिंग, रंगदारी और रेप जैसे संगीन अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पुलिस के तमाम दावों और व्यवस्थागत बदलावों के बावजूद, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर। आंकड़ों की बात करें तो बीते पांच माह में पटना में अपराध का ग्राफ भयावह रूप से बढ़ा है: हत्या: 116 लोगों की जान ले ली गई लूट: 47 वारदातें डकैती: 11 घटनाएं चेन स्नैचिंग: करीब 44 महिलाएं बनीं शिकार रंगदारी: 13 मामलों में मांगी गई फिरौती रेप: 41 घटनाएं दर्ज चोरी: 343 घरों में सेंधमारी वाहन चोरी: 2335 गाड़ियाँ हुईं गायब इन आंकड़ों से साफ है कि शहर में न कानून का खौफ है और न ही पुलिस का असर।

अफसरों की भरमार, नतीजा ढाक के तीन पात

पटना जिले की कानून व्यवस्था को संभालने के लिए 7 आईपीएस अधिकारी और 22 एएसपी/डीएसपी तैनात हैं। कुछ समय पहले पुलिस महकमे ने अपराध नियंत्रण के उद्देश्य से डीएसपी की संख्या दोगुनी कर 11 से 22 कर दी, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। अपराध पर लगाम लगाने की बजाय वह और फैलता गया।

गश्त के दावे – हकीकत से कोसों दूर

पटना पुलिस का दावा है कि शहर में सात स्तर की गश्त की जा रही है – जिनमें रात्रि गश्ती, दिवा गश्ती, डॉल्फिन मोबाइल, क्विक मोबाइल आदि शामिल हैं। हर थाने को चार क्विक मोबाइल बाइक दी गईं, जिन पर चार शिफ्टों में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। लेकिन गोपाल खेमका हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध के बाद अपराधियों का शहर से फरार हो जाना यह दर्शाता है कि इन व्यवस्थाओं का जमीन पर कोई असर नहीं दिख रहा। ये भी पढ़ेंः गोपाल खेमका हत्याकांड: पटना पुलिस की जांच में उभरे नए किरदार, एक ही गैंग से जुड़ी तीन हत्याएं

अफसर मौजूद, सुरक्षा नदारद

पटना में चार एसपी – पूर्वी, पश्चिमी, मध्य और ग्रामीण– की तैनाती की गई है। लेकिन क्षेत्रवार अपराध के आंकड़े चिंताजनक हैं: पूर्वी पटना: हत्या: 45 लूट: 19 रेप: 14 गृहभेदन: 119 वाहन चोरी: 1143 पश्चिमी पटना: हत्या: 33 डकैती और रंगदारी: 5-5 रेप: 14 मध्य पटना: चेन स्नैचिंग: 18 वाहन चोरी: 637 हत्या: 12 ग्रामीण पटना: हत्या: 26 इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अधिकारियों की उपस्थिति भर से कानून-व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। पुलिस बल की रणनीति, क्रियान्वयन और जवाबदेही में कहीं न कहीं बड़ी खामी है। ये भी पढ़ेंः खेमका हत्याकांड पर तेजस्वी यादव का बयान, बोले- CM बेहोश और थके हुए हैं, अफसर चला रहे सरकार


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