Congress Bihar elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी 27 साल बाद सरकार बनाने जा रही है। जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत पाई। इस बीच कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुट गई है। बिहार में अक्टूबर और नवंबर में चुनाव होने हैं। पिछले एक महीने में राहुल गांधी दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं। 20 फरवरी से कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरु तीन दिन के बिहार के दौरे पर रहेंगे। अल्लावरु राहुल के करीबी माने जाते हैं वे महागठबंधन के नेताओं से सीट शेयरिंग और अन्य मुद्दों को लेकर मंथन करेंगे।
बिहार में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती संगठन है। प्रदेश में 2017 से ही कांग्रेस की कमेटी नहीं है। मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह 2022 में नियुक्त हुए हैं लेकिन अब तक कमेटी नहीं बना पाए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या वजह है कि बिहार कांग्रेस इतने लंबे समय से कमेटी नहीं बना पाई है। बिहार में कांग्रेस को बड़े पैमाने पर काम करना होगा।
2017 में बिहार में कांग्रेस की कमेटी नहीं
बिहार में कांग्रेस यूपी की तुलना में कई गुना अच्छा प्रदर्शन करती है। इसके बावजूद वहां कांग्रेस कमेटी का नहीं होना हैरान करने वाली बात है। पार्टी का वोट शेयर भी अच्छा है। हालांकि पार्टी पिछले कई समय से बिहार में खोई हुई जमीन वापस पाने की तलाश में जुटी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 243 सीटों वाली विधानसभा में केवल 19 सीटें ही जीत पाई थी। कांग्रेस ने महागठबंधन में शामिल होकर 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी कांग्रेस इतनी ही सीटों की मांग कर रही है, लेकिन क्या आरजेडी कांग्रेस के पुराने प्रदर्शन को देखते हुए इतनी सीटें देने को राजी होगी?
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कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी बिहार में दलित और मुस्लिम वोटर्स पर फोकस कर रही है। इसी रणनीति के तहत उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का 22 फरवरी को जय बापू-जय भीम-जय संविधान कार्यक्रम का आयोजन किया है। कांग्रेस ने दलित वोट को फिर से साधने की कवायद शुरू कर दी है। पार्टी खड़गे को दलित चेहरे के तौर पर प्रचारित करती है ऐसे में उनके बिहार दौरे पर सबकी नजरे होगी।
आरक्षण वाला कार्ड सत्ता पक्ष में
बिहार में अति पिछड़ा और दलितों की आबादी 36 प्रतिशत और 17 फीसदी से अधिक आबादी मुस्लिमों की है। कांग्रेस इन वोटर्स तक पहुंच बनाने की कोशिश में जुटी है। राहुल गांधी जिस जातीय जनगणना की बात करते हैं वह तो बिहार में हो चुकी है, लेकिन उनको दिया आरक्षण बिहार हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में देखना होगा कि राहुल इन वर्गों को साधने के लिए क्या रणनीति बनाते हैं। बिहार में दलित और मुस्लिम बाहुल्य सीटों की संख्या 100 के आसपास है। तो क्या कांग्रेस अब आरजेडी को भी पटखनी देने की योजना बना रही है? ताकि आने वाले चुनाव में खुद को मजबूत किया जा सके।
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