Bihar Political Crisis: बिहार में दो दिनों से जारी राजनीतिक ड्रामा आज थम गया। इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए हैं। राज्य में एक बार फिर जेडीयू और बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। अब बड़ा सवाल उठता है कि सत्ता से बाहर होने के बाद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी के पास अब क्या विकल्प बचे हैं। आइए समझते हैं पूरा समीकरण।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेंगे। बिहार की नई सरकार में एनडीए के घटक दल शामिल होंगे। विपक्षी दलों को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार ही अब इंडिया गठबंधन में नहीं हैं। इंडिया गठबंधन के तहत अब तेजस्वी यादव को कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर काम करना चाहिए।
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बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। पहले आरजेडी और जेडीयू दोनों पार्टियां 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही थीं, लेकिन जेडीयू के अलग हो जाने के बाद अब आरजेडी के पास खुलकर खेलने का मौका है। लोकसभा चुनाव में आरजेडी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। साथ बिहार में अगले साल 2025 में विधानसभा चुनाव होंगे, इसे लेकर लालू प्रसाद को अभी से तैयारी में जुट जाना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में नीतीश का खेल बिगाड़ सकता है इंडिया गठबंधन
नीतीश कुमार ने जैसे इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया, वैसे ही अब लोकसभा चुनाव में आरजेडी भी नीतीश कुमार के साथ खेल कर सकती है, क्योंकि बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है। अगर आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर एक सीट, एक उम्मीदवार फॉर्मूले पर चुनाव लड़ेगी तो इसका फायदा इंडिया गठबंधन को जरूर मिलेगा। साथ ही आरजेडी को अपनी सरकार में किए गए कार्यों को लेकर जनता के पास जाना चाहिए।