Bihar Elections: भारतीय जनता पार्टी से टिकट ना मिलने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे भागलपुर विधान सभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन पिता अश्विनी चौबे के एक फोन के बाद उन्होंने नामांकन नहीं करने का फैसला लिया. वह अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने एसडीओ कार्यालय जा रहे थे, लेकिन नामांकन से पहले ही उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि पिता के आदेश और पार्टी अनुशासन का पालन करते हुए वे भाजपा में बने रहेंगे और एनडीए उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे.
पिता अश्विनी चौबे ने किया फोन
अर्जित शाश्वत चौबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें उनके पिता अश्विनी चौबे ने फोन किया था, जिसमें कहा गया कि "तुम बीजेपी में हो और बीजेपी में ही रहोगे." पिता के आदेश का सम्मान करते हुए उन्होंने निर्दलीय नामांकन नहीं करने और भाजपा में ही बने रहने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने पार्टी और परिवार के मान-सम्मान को ध्यान में रखकर लिया है. अर्जित ने कहा, "मैंने विरासत का मान रखा और पिता अश्विनी चौबे के आदेश का पालन किया.
---विज्ञापन---
रोहित पांडे को टिकट देने से नाराज थे
इससे पहले अर्जित ने कहा था कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण वे निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ेंगे. जिसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था. उन्होंने नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन बाद में पिता और पार्टी नेतृत्व के लगातार दबाव के बीच उन्होंने ऐन वक्त पर घर वापसी कर ली. भाजपा ने भागलपुर से रोहित पांडे को उम्मीदवार बनाया है. बताया जाता है कि वह रोहित पांडे को टिकट देने से नाराज थे.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें- बिहार चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती का बड़ा ऐलान, हर राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की कही बात