सोशल मीडिया यूजर्स ने पूछे सवाल
उधर, वायरल तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट्स किए हैं। एक यूजर ने सवाल पूछा कि छात्रों को ऐसा करने के लिए क्यों मजबूर किया गया? क्या स्कूल के पास रिक्शा या गाड़ी किराए पर लेने के लिए पर्याप्त धन नहीं था? इस बीच तस्वीरों के वायरल होने के बाद अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए और दोनों स्कूलों के हेडमास्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जानकारी के मुताबिक, बिहार में शिक्षा विभाग 'चाक' नाम से एक कार्यक्रम चला रहा है और उसी के अनुसार विभाग ने किताबों के बंडलों को बीआरसी भवन मोहिउद्दीननगर भेजा था। यहां से ब्लॉक एजुकेशन अफसर की देखरेख में इन किताबों को प्रखंड के सभी सरकारी स्कूलों में भेजा जाना था। अभी पढ़ें - दलित ने किया पोस्टमॉर्टम तो अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे रिश्तेदार, अकेले बाइक पर शव ले गए सरपंच के पतिजिला शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी कर मांगा स्पष्टीकरण
नारायणपुर मध्य विद्यालय के हेडमास्टर ने अपने स्कूलों के छात्रों को बीआरसी भवन से किताबों के बंडल स्कूल लाने के निर्देश दिए थे। जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर 23 सितंबर को पत्र जारी कर बीईओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) ने हनुमाननगर मध्य विद्यालय की प्रभारी हेडमास्टर सुचित्रा रेखा राय और नारायणपुर मध्य विद्यालय के हेडमास्टर सुरेश पासवान को निलंबित कर दिया है।अभी पढ़ें - प्रदेश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
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