नई दिल्ली: भारत के महान फुटबॉलरों में से एक तुलसीदास बलराम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बलराम ने 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में देश को स्वर्ण दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें यूरिन इंफेक्शन के चलते मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जकार्ता एशियाई खेलों में भारत ने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर गोल्ड जीता था। यह महाद्वीपीय खेलों में फुटबॉल में भारत की दूसरी खिताबी जीत थी। इस उपलब्धि को तब से दोहराया नहीं गया है।
भारतीय फुटबॉल की सुनहरी पीढ़ी से ताल्लुक
87 वर्षीय दिग्गज 1950 और 60 के दशक में भारतीय फुटबॉल की सुनहरी पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं, जहां उन्होंने चुन्नी गोस्वामी और पीके बनर्जी जैसे दिग्गजों के साथ जोड़ी बनाई और उन्हें देश की फुटबॉल की 'पवित्र त्रिमूर्ति' के रूप में जाना जाने लगा। अस्पताल द्वारा गुरुवार को जारी एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि बलराम को 26 दिसंबर को भूख न लगने, पेट फूलने और यूरिन में गड़बड़ी की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था।
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डॉक्टरों की टीम की देखरेख में हैं बलराम
अस्पताल ने कहा कि भारत के सबसे महान स्ट्राइकरों में से एक माने जाने वाले बलराम डॉक्टरों की टीम की देखरेख में हैं। बलराम 1960 के रोम ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद अर्जुन पुरस्कार से नवाजे गए। हंगरी, फ्रांस और पेरू के साथ ग्रुप में रखे गए भारत ओपनर हंगरी से 1-2 से हार गया, लेकिन बलराम ने 79वें मिनट में गोल कर सुर्खियां बटोर लीं।
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अरूप बिस्वास ने दिलाया मदद का भरोसा
भारत कुछ दिनों बाद फ्रांस के करीब पहुंच गया जब बलराम ने फिर से अपनी क्लास दिखाई। बलराम ज्यादातर सेंटर-फॉरवर्ड या लेफ्ट-विंगर के रूप में खेलते थे। पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने बीमार पूर्व फुटबॉलर से मुलाकात की और हर संभव मदद का वादा किया।
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