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FIFA World Cup: खिताब से चूकी मोरक्को का एशिया और भारत ने क्यों किया था सपोर्ट, ये है बड़ी वजह

FIFA World Cup: अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच 18 दिसंबर को फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल होगा, लेकिन उससे पहले मोरक्को और क्रोएशिया के बीच तीसरे स्थान के लिए आज मुकाबला खेला जाएगा। मोरक्को भले ही खिताब से चूक गई हैं, लेकिन मोरक्को के पास अभी भी इतिहास रचने का मौका है। खास बात यह […]

morocco vs croatia
FIFA World Cup: अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच 18 दिसंबर को फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल होगा, लेकिन उससे पहले मोरक्को और क्रोएशिया के बीच तीसरे स्थान के लिए आज मुकाबला खेला जाएगा। मोरक्को भले ही खिताब से चूक गई हैं, लेकिन मोरक्को के पास अभी भी इतिहास रचने का मौका है। खास बात यह है कि इस फीफा वर्ल्ड कप में एशिया के कई देशों सहित भारत ने भी मोरक्को का समर्थन किया था, जिसकी कई वजहें हैं।

अंतिम चार में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकन टीम

मोरक्को ने इस बार के फीफा विश्वकप में गजब का प्रदर्शन किया है, भले ही टीम सेमीफाइनल में हार गई लेकिन मोरक्को ऐसी पहली अफ्रीकन कंट्री है जो फीफा वर्ल्ड कप के अंतिम चार में पहुंची है, मोरक्को ने फीफा वर्ल्ड कप में हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई थी। हालांकि सेमीफाइनल में मोरक्को को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस प्रदर्शन के लिए दुनियाभर के देशों से मोरक्को को समर्थन मिला है। भारत के फुटबॉल प्रेमियों ने भी मोरक्को का खूब समर्थन किया था। जबकि तीसरे स्थान के लिए होने वाले मैच में भी मोरक्को को जबरदस्त समर्थन मिलने की उम्मीद है। और पढ़िएMorocco vs Croatia: मोरक्को के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका, क्रोएशिया से जीतने पर बनेगा बड़ा रिकॉर्ड

मोरक्को का भारत से पुराना कनेक्शन

मोरक्को का भारत से पुराना कनेक्शन रहा है। मोरक्को उत्तर अफीका का एक देश है, जिसे 2 मार्च, 1956 को स्वतंत्रता मिली थी। वैसे तो मोरक्को और भारत से कनेक्शन की शुरुआत अरब यात्री इब्नबतूता के भारत आने से मजबूत हुई, लेकिन संबंध तब और भी अच्छे हो गए, जब मोरक्को के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत ने समर्थन देने की पहल की थी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में मोरक्को का समर्थन किया और 20 जून 1956 को यह देश फ्रांस के साथ संरक्षणवादी व्यवस्थाओं से आजाद हुआ था। जिसके बाद पिछले कई सालों से भारत और मोरक्को के बीच संबंध बेहतर हुए हैं।

दोनों देशों के बीच होता है व्यापार

भारतीय विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया और मोरक्को के बीच व्यापार बढ़ता जा रहा है, 1999 में मोरक्को में उर्वरक के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए IMACID नाम से भारत-मोरक्को ने संयुक्त उद्यम की शुरुआत की थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। दोनों देशों की बहुत सी कंपनियों में समझोते के तहत भी बहुत सी चीजों का व्यापार होता है। इसके अलावा खास बात यह भी है कि बहुत से भारतीय भी मोरक्को रहते हैं, ऐसे में फुटबॉल विश्वकप में भारत के फुटबॉल प्रेमियों ने मोरक्को का समर्थन किया था। फुटबॉल में अब तक यूरोपीयन देशों का दबदबा रहा है, लेकिन मोरक्को ने सबको चौकाते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई, इसलिए अफ्रीका के साथ-साथ एशिया के ज्यादातर देशों ने भी मोरक्को का समर्थन किया, मोरक्को के मैच के दौरान अधिकतर फैंस टीम की जर्सी पहनकर समर्थन करने के लिए पहुंचते थे। और पढ़िए - FIFA World Cup 2022: आन-बान-शान से क्रोएशिया ने जीता तीसरा स्थान, मोरक्को के डिफेंस ने किया निराश

फीफा में मोरक्को का सफर

मोरक्को के लिए यह फीफा वर्ल्ड कप बहुत ही खास रहा है, क्योंकि मोरक्को ने सभी को चौकाते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, भले ही उसे सेमी में हार मिली थी, लेकिन अगर मोरक्को तीसरे स्थान पर काबिज रहने में सफल हो जाती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। मोरक्को ने क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था, जिससे रोनाल्डों जैसे प्लेयर भी रोते हुए नजर आए थे। मोरक्को ने पहला मैच क्रोएशिया से खेला था, जो बिना गोल के ड्रॉ हुआ था, वहीं दूसरे मैच में उसने बेल्जियम को 2-0 से हराया था। तीसरे मैच में कनाडा को 2-1 से हराया था, जबकि राउंड ऑफ 16 में स्पेन को हराकर मोरक्को क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी, क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल को 1-0 से हराकर मोरक्को पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची थी, हालांकि सेमीफाइनल में उसे फ्रांस के हाथों 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था, जबकि अब तीसरे स्थान के लिए आज मोरक्को का मैच क्रोएशिया से होगा। और पढ़िए - खेल से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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