नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही उन्होंने पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आजम की इंग्लिश पर आलोचना की थी। अब उनका एक नया बयान सामने आया है। अख्तर ने खुलासा किया है कि उनके पास नेशनल टीम का कप्तान बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने कई कारणों से जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। अख्तर ने कहा कि वह कप्तान और गेंदबाज दोनों के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए फिट नहीं थे।
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पूरे बोर्ड में कुप्रबंधन था
क्रिकेट पाकिस्तान ने अख्तर के हवाले से कहा, “मैं पर्याप्त रूप से फिट नहीं था। मैं पांच में से तीन मैच खेल सकता था। मुझे 2002 में कप्तानी की पेशकश की गई थी, लेकिन तब मैं केवल 1.5-2 साल ही खेल पाता। अख्तर ने आगे खुलासा किया कि उस वक्त उन्हें कप्तान बनने के लिए अपने साथियों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन एक वजह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के भीतर अस्थिरता भी थी। जिसके चलते उन्होंने टीम का नेतृत्व करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने साथियों का समर्थन किया, लेकिन बोर्ड बहुत अस्थिर था। पूरे बोर्ड में कुप्रबंधन था। पाकिस्तान ने खुद उस समय कुप्रबंधन का सामना किया था।”
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सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड
47 वर्षीय गेंदबाज ने 1997 में पाकिस्तान में पदार्पण किया था। उन्होंने 46 टेस्ट, 163 एकदिवसीय और 15 T20I खेले। चोटों के कारण उनका करियर लंबा नहीं चल सका। अख्तर ने 2011 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है, जहां वे क्रिकेट से संबंधित समीक्षाएं देते हैं। महान तेज गेंदबाजों में से एक माने जाने वाले अख्तर के पास अभी भी क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है, 2002 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी थी।
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