Rinku Singh: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह का सपना पूरा हो गया है। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ टी-20 डेब्यू किया। हालांकि बारिश की वजह से उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन टीम इंडिया में 20 अगस्त को उनकी बल्लेबाजी देखने लायक होगी।
रिंकू सिंह का बचपन गरीबी से जूझता रहा। उनके पिता गैस सिलेंडर डिलिवरी का काम करते थे। रिंकू ने भी एक कोचिंग में झाड़ू-पोछा लगाने का काम किया, लेकिन अब उन्हें शीर्ष पर पहुंचते देख उनका परिवार बेहद खुश है। रिंकू ने जब टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया तो वे थोड़े इमोशनल नजर आए। उन्हें डेब्यू कैप पाकर कैसा महसूस हुआ? इसके बारे में उन्होंने खुलासा किया है।
बहुत खून-पसीना बहाया
रिंकू सिंह ने जियोसिनेमा से बातचीत में कहा- ”इस कॉल को हासिल करने के लिए बहुत खून-पसीना बहाया गया है। एक चीज जिसने मेरी इच्छा को जलाए रखा, वह परिवार को एक अच्छा जीवन देना था। जो तभी संभव था जब मैं खेल में आगे बढ़ता। मुझमें वह कॉन्फिडेंस था। इसने मुझे मजबूत बनाया और मेरी यात्रा में मदद की। अब इसने एक नया मोड़ ले लिया है।”
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Congratulations Rinku Singh and Prasidh Krishna as they receive their caps from captain Jasprit Bumrah 👏 👏#TeamIndia | #IREvIND pic.twitter.com/JjZIoo8B8H
— BCCI (@BCCI) August 18, 2023
परिवार को पैसे के लिए संघर्ष करते देखा
रिंकू ने आगे कहा- मैंने अपने परिवार को पैसे के लिए संघर्ष करते देखा है। मैं क्रिकेट के जरिए उन्हें इससे उबरने में मदद करना चाहता था। उन्हें मुश्किल हालात से बाहर निकालने की इच्छा ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मेरी यात्रा में मेरे परिवार की बहुत बड़ी भूमिका रही है। जब उनके पास मेरे करियर के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, तो मेरी मां ने मुझे आगे बढ़ाने के लिए दूसरों से पैसे उधार लिए। मैं आज जहां हूं, वह उनसे मिले सपोर्ट की वजह से हूं।”
मैं उनका सपना जी रहा हूं
टीम इंडिया के कॉल पर परिवार ने किस तरह रिएक्ट किया? इसके जवाब में रिंकू ने कहा- “वे बहुत खुश थे। मेरी मां हमेशा मुझसे कहती थीं कि भारतीय टीम में कॉल पाने के लिए जितना हो सके, कड़ी मेहनत करो। अब वही साकार हुआ है, इसलिए मैं उनका सपना जी रहा हूं।” “यहां से मैं अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ करूंगा। टीम के लिए अपना 100% दूंगा और जब तक संभव हो सकेगा तब तक टीम में रहूंगा।”