Sachin Tendulkar-Virender Sehwag: भारतीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की ओपनिंग जोड़ी को सबसे घातक माना जाता है। दोनों बल्लेबाजों ने अपने नाम कई रिकॉर्ड किए हैं। वे अब तक वनडे क्रिकेट की छठी सबसे सफल जोड़ी हैं। सहवाग-सचिन ने 2002 से 2012 तक 93 ईनिंग में 42.13 की औसत से 3919 रन बनाए। हालांकि वनडे क्रिकेट में हाईऐस्ट पार्टनरशिप का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नाम दर्ज है। दोनों ने 136 ईनिंग में 49.32 के औसत से 6609 रन बनाए हैं। गांगुली-सचिन कई मैचों में इतिहास रचते गए। हालांकि गांगुली बाद में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने लगे।
2003 विश्व कप के बाद कोच ने लिया था फैसला
ऐसा कैसे हुआ, इसे लेकर सहवाग ने दिलचस्प कहानी बताई है। बीसीसीआई के पूर्व महाप्रबंधक अमृत माथुर की किताब “पिचसाइड: माई लाइफ इन इंडियन क्रिकेट” के लॉन्च के दौरान बोलते हुए सहवाग ने कहा कि 2003 विश्व कप की खराब शुरुआत के बाद हमारे कोच जॉन राइट ने पूछा कि टीम इंडिया के लिए अब किसे ओपनिंग करनी चाहिए। हम सभी आगे आए और अपने-अपने सुझाव लिखे।
July 13, 2002 – #TeamIndia won the NatWest series final #ThisDayThatYear @MohammadKaif @ImZaheer @YUVSTRONG12 @SGanguly99 pic.twitter.com/jKeFXEmCgk
— BCCI (@BCCI) July 13, 2017
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11 में से सिर्फ एक पर सौरव-सचिन लिखा था
हमें चिटों पर ये सुझाव लिखकर देने थे। खास बात यह रही कि 11 चिटों में से केवल एक पर ‘सौरव-सचिन’ लिखा था। केवल सौरव गांगुली ने ही अपनी चिट पर उनका नाम लिखा था। बाकी सभी ने मेरा और सचिन का नाम लिखा। तब से मैंने और सचिन ओपनिंग करना शुरू कर दिया। जबकि ‘दादा’ सौरव गांगुली शालीनता से नंबर 3 पर आए।
एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब देना चाहते थे गांगुली
सहवाग ने इसके साथ ही एक और खुलासा किया। उन्होंने 13 जुलाई, 2002 को भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के लॉर्ड्स की बालकनी से शर्टलेस होकर जश्न मनाने के पीछे की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि नेटवेस्ट ट्रॉफी के तहत मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक मैच के दौरान इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने जिस तरह से अपनी शर्ट उतारी थी, उससे जाहिर तौर पर गांगुली नाराज थे और तारीफ का जवाब देने का इंतजार कर रहे थे। सहवाग ने कहा- “वह फ्लिंटॉफ को करारा जवाब देना चाहते थे जिन्होंने मुंबई में ऐसा ही किया था।”