Rohit Sharma Yuvraj Singh: ऑस्ट्रेलिया की धरती पर मिली शर्मनाक हार के बाद रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर आलोचकों के निशाने पर हैं। हाल ही में बीसीसीआई ने भी टीम के खराब प्रदर्शन को लेकर रिव्यू मीटिंग की है। रोहित को कप्तानी छोड़ने और रिटायरमेंट लेने तक की सलाह दी जा रही है। हालांकि, भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह रोहित और गंभीर के सपोर्ट में उतरे हैं। उनका कहना है कि गंभीर को अभी थोड़ा समय देने की जरूरत है, क्योंकि उनकी भारतीय खेमे में एंट्री जल्दी में ही हुई है। वहीं, रोहित को लेकर युवी ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने खुद को सिडनी टेस्ट से ड्रॉप किया वैसा शायद ही इससे पहले किसी कैप्टन ने किया होगा।
रोहित-गंभीर के सपोर्ट में उतरे युवी
युवराज सिंह ने पीटीआई के साथ बातचीत करते हुए कहा, “गौतम गंभीर अभी-अभी सिस्टम में आए हैं और उन्हें थोड़ा और समय देने की जरूरत है। रोहित ने हमको टी-20 वर्ल्ड कप जिताया और उनकी कप्तानी में ही हमने वनडे विश्व कप के फाइनल तक का सफर तय किया। मुंबई इंडियंस ने उनकी ही कैप्टेंसी में पांच बार आईपीएल की ट्रॉफी को अपने नाम किया। वह बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के आखिरी टेस्ट में खुद टीम से बाहर हो गए, ताकि किसी और को मौका मिल सके, आप मेरे को बताइए इससे पहले ऐसा कितने ही कप्तानों ने की है? रोहित ने पिछले तीन से पांच साल में जो किया है मैं उसको देख रहा हूं, एक टूर्नामेंट से कुछ भी तय नहीं होता है। मेरे लिए घर में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार ज्यादा निराशाजनक थी।”
VIDEO | Former India cricketer Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) backs skipper Rohit Sharma and head coach Gautam. He says, “If India wins its good but if they lose, we criticise them. I see the last five years of Rohit Sharma… Gautam Gambhir needs to be given more time. Rohit won us… pic.twitter.com/9NDmczEFTR
— Press Trust of India (@PTI_News) January 16, 2025
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सवालों के घेरे में रोहित की कप्तानी
रोहित शर्मा की कप्तानी सवालों के घेरे में है। भारतीय टीम को अपने ही घर में न्यूजीलैंड के हाथों 3-0 से हार का मुंह देखना पड़ा था। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह पहला मौका रहा, जब कीवी टीम ने भारत का टेस्ट में उसी की सरजमीं पर सूपड़ा साफ किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भी रोहित की कैप्टेंसी में टीम इंडिया बुरी तरह से संघर्ष करती हुई दिखाई दी। टीम को दूसरे और चौथे टेस्ट में हार झेलनी पड़ी, जिसके चलते कंगारू धरती पर लगातार तीसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को जीतने का सपना अधूरा रह गया।