Indian Cricket History: कोई भी खिलाड़ी क्रिकेटर बनने के लिए जब शुरुआत करता है तो वह अपने घर की बाउंड्री या फिर अपनी गली से करता है। इस दौरान उसके साथ खेलने वाले या तो उस खिलाड़ी के भाई होते हैं, या परिवार के अन्य सदस्य और दोस्त...लेकिन क्या आपको मालूम है कि गली या बाउंड्री में भाइयों के साथ मैच खेलना शुरू करने वाले बच्चे बड़े होकर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में भी एक साथ खेलें। हां, आपने हार्दिक पांड्या-कुनाल पांड्या और इरफान पठान-यूसुफ पठान को ऐसा करते हुए देखा भी होगा। लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से कई बार और भी भाइयों की जोड़ी मैच खेल चुकी है। आइये इस रिपोर्ट में उन सभी के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
सीके नायडू-सीएस नायडू
भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान सीके नायडू बनाए गए थे। सीके नायडू के साथ उनकी टीम में उनके भाई सीएस नायडू ने भी अपनी जगह बनाई थे। भारतीय क्रिकेट टीम में सबसे पहले दो भाइयों की जोड़ी यही थी। दोनों ने चार साल (1932-36) तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला। सीके नायडू ने चार टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की थी। इनके परिवार में ये 4 भाई थे और सभी क्रिकेट खेलते थे। हालांकि, दो बड़े भाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट नहीं खेल पाए थे।
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नजीर अली-वजीर अली
भारतीय क्रिकेट टीम 1932 में इंग्लैंड के दौरे पर टेस्ट मैच खेलने के लिए गई थी। इस टीम में नजीर अली और वजीर अली दोनों विस्फोटक बल्लेबाज आपस में सगे भाई थे। इऩ दोनों भाइयों ने एक साथ करीब 200 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे और 10 हजार से ज्यादा रन बनाए थे। नजीर अली ने टीम इंडिया के लिए 2 टेस्ट तो वजीर अली ने टीम इंडिया के लिए 7 मैच खेले थे।
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मोहिंदर अमरनाथ-सुरिंदर अमरनाथ
भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से टेस्ट मैच में पहला शतक जड़ने का रिकॉर्ड लाला अमरनाथ के नाम दर्ज है। लाला अमरनाथ के बाद उनके दोनों बेटे मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर बने। दोनों भाई शानदार बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाते थे। सुरिंदर अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 3 वनडे और 10 टेस्ट मैच खेले। वहीं, उनके छोटे भाई मोहिंदर अमरनाथ ने टीम इंडिया के लिए 69 टेस्ट और 85 वनडे मैच खेला। मोहिंदर अमरनाथ ने टीम इंडिया को 1983 का वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई और फाइनल मैच में मैन ऑफ द मैच भी बने।
इरफान पठान-यूसुफ पठान
इंडियन क्रिकेट टीम के महत्वपूर्ण गेंदबाज में से एक रहे इरफान पठान स्विंग गेंदबाजी में माहिर थे। उनके भाई यूसुफ पठान विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में पहचाने गए। ये दोनों भाई वड़ोदरा के रहने वाले थे। उनके पिता एक स्थानीय मस्जिद में अजान देने का काम किया करते थे और परिवार की मासिक आय कुल 250 रुपये थी। दोनों भाइयों ने एक ही किट का इस्तेमाल करते हुए क्रिकेट सीखा और अपने टैलेंट की बदौलत टीम इंडिया में जगह बनाई। आईपीएल में भी दोनों ने धुआंधार प्रदर्शन किया।