IND-W vs SA-W Final: भारत की बेटियों ने आखिरकार सालों के सूखे को खत्म कर दिया है. नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हरमनप्रीत एंड कंपनी ने वो कर दिखाया है, जो पिछले कई सालों से महज सपना बनकर रह गया था. टीम इंडिया ने पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का तमगा हासिल कर लिया है.
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को एकतरफा अंदाज में 52 रनों से रौंद डाला. हालांकि, एक समय पर बाजी हाथ से फिसलती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत के एक दांव ने विश्व कप की ट्रॉफी को साउथ अफ्रीका के जबड़े से छीन लिया.
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कप्तान हरमनप्रीत का मास्टर प्लान बन गया वरदान
दरअसल, साउथ अफ्रीका की टीम 299 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय पर 114 रन बना चुकी थी और सिर्फ 2 विकेट गिरे थे. लौरा वोल्वार्ट पूरी तरह से क्रीज पर सेट थीं और उनका साथ सुने लुस निभा रही थीं. कप्तान हरमनप्रीत ने अपना दिमाग दौड़ाया और गेंद बल्ले से धमाल मचाने वाली शेफाली वर्मा के हाथों में थमा दीं. कैप्टन का यह दांव टीम इंडिया के लिए काम कर गया.
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शेफाली ने लुस को 25 रनों के स्कोर पर पवेलियन की राह दिखाते हुए पहले साझेदारी का अंत किया. इसके बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका की स्टार और अनुभवी बैटर मारिजाने कैप को भी पवेलियन की राह सिर्फ 4 रन के स्कोर पर दिखा दी. शेफाली का यह स्पेल टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुआ और इसके बाद साउथ अफ्रीका मैच में वापसी नहीं कर सकी.
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बल्ले से भी मचाया शेफाली ने धमाल
गेंद से कमाल करने से पहले शेफाली वर्मा ने बल्ले से भी जमकर धमाल मचाया. प्रतिका रावल के इंजर्ड होने के बाद टूर्नामेंट में आईं शेफाली ने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के बॉलिंग अटैक की धज्जियां उड़ा डालीं. शेफाली ने सिर्फ 78 गेंदों का सामना करते हुए 87 रनों की विस्फोटक पारी खेली. अपनी इस इनिंग के दौरान शेफाली ने 7 चौके और 2 सिक्स जमाए. शेफाली ने स्मृति मंधाना के साथ टीम इंडिया को धमाकेदार शुरुआत दी और टीम को 298 रनों के स्कोर तक पहुंचाने में अहम किरदार निभाया.