शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं। जब शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि प्राचीन काल में अमावस्या तिथि पर ही शनि देव का जन्म हुआ था। पंचांग के अनुसार, इस साल अमावस्या तिथि का आरंभ 28 मार्च को शाम 7:30 मिनट से होगा, जिसका समापन अगले दिन 29 मार्च को शाम 4:30 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 29 मार्च 2025, दिन शनिवार को शनि अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करते हैं, उन्हें शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही घर-परिवार में सुख, शांति, खुशी, धन और वैभव आदि का वास होता है। चलिए जानते हैं शनि अमावस्या की रात करने वाले अचूक उपायों के बारे में।
शनि अमावस्या की रात काली चीजों का दान करें। इस दिन आप काले तिल और काले कपड़ों का दान कर सकते हैं। इससे आपको शनि दोष से छुटकारा मिलेगा और कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होगी।
यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में सदा खुशियां बनी रहें, तो अमावस्या की रात शनि देव के नाम पर दीपक जलाएं और उसे अपने घर की चौखट पर रख दें। इस दौरान 108 बार शनि मंत्र का जाप करें।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या की रात काली चींटियों को आटा डालें या काले कुत्ते को भोजन कराएं। इस उपाय से आपको शनि दोष से छुटकारा मिलेगा और जीवन में चल रही समस्याएं भी जल्द समाप्त हो जाएंगी।
अमावस्या के दिन शनि देव के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करना शुभ माना जाता है। खासतौर पर रात के समय बजरंग बली की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ होता है। इसलिए अमावस्या की रात शनि देव और हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही घर के मंदिर में उनके नाम का चौमुखी सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय से आपके जीवन में चल रही परेशानियां काफी कम हो जाएंगी।
अगर आप चाहते हैं कि आपके घर-परिवार में सदा खुशियां बनी रहें और आपको कभी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़े, तो इसके लिए शनि अमावस्या की रात पीपल के पेड़ की पूजा करें। पूजा करने के बाद पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन में आ रही परेशानियां भी कम होने लगेंगी।