Premanand Maharaj spiritual story: आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज के भक्त उनका सत्संग सुनने के लिए दूर-दूर से आते हैं। लोग उनके सामने अपना दुख प्रकट करते हैं और समाधान की उम्मीद करते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रवचन सुने जाते हैं, और इसमें सबसे ज्यादा युवा लोग शामिल हैं। वो अपने प्रवचनों में जिंदगी से जुड़े किस्से भी सुनाते हैं जो इतने ज्यादा प्रभावशाली होते हैं कि लोगों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। महाराज ने अपने जीवन से जुड़े कई किस्से भक्तों के सामने बताए हैं। इसी में से एक है कि उन्होंने शराबी से पहला ज्ञान लिया। जी हां, उन्होंने बताया कि कैसे एक शराबी उनके जीवन में बड़ा बदलाव कर गया।
18-19 साल में शराबी ने दिया ज्ञान
प्रेमानंद ने बताया कि जब वो सिर्फ 18-19 साल के थे तो एक बार गंगा किनारे घूमने गए। वहां उन्हें एक आदमी मिला जिसने उन्हें अपने पास बुलाया। महाराज ने कहा कि उस आदमी में से शराब की बदबू आ रही थी। उसने पूछा कि बाबा जी बने हो, मैंने कहा हां, उसने कहा कितने साल हो गए। मैंने कहा अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है, और उसने मुझे अपने साथ आने के लिए कहा।
वो महाराज को ले गया बैकुंठ धाम
बाबा ने कहा कि वो मुझे अपने साथ बैकुंठ धाम (वहां ऊचाई पर एक मंदिर था) में ले गया। वहां जाकर उसने मुझसे पूछा कि भगवान किस वस्तु के बने हैं। मैंने कहा वो भगवान हैं तो उसने दोबारा पूछा हां वो बने किसके हैं। मैं तो भगवान ही बोलता रहा फिर उसने कहा वो संगमरमर के बने हैं।
मिला असली ज्ञान
उस आदमी ने बोला कि ये संगमरमर तिल-तिल काटा गया लेकिन टूटा नहीं और आज भगवान बनकर पूजा जा रहा है। और एक वो संगमरमर वो है जो पैरों के नीचे पड़ा हुआ है। उसने कहा कि जिंदगी में कभी भी टूटना मत जब बाबा जी बनो। चाहे जितना कष्ट मिले जिंदगी में। प्रेमानंद ने कहा कि मैंने उस आदमी को प्रणाम किया क्योंकि इस भेष में वो हमें उपदेश दे गए। हमने उन्हें हर कदम पर याद रखा जब भी मुश्किल आई वो शब्द याद आ गए कि टूटना मत जिंदगी में।
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