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Rajeshwar Mandir: सपने में आए महादेव… पढ़ें आगरा के राजेश्वर मंदिर में शिवलिंग स्थापना की अनोखी कहानी

Rajeshwar Mahadev Mandir, Agra: देश में आज भी कई ऐसे प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनका इतिहास लोगों के लिए रहस्य है। वहीं, जिन मंदिरों का इतिहास पता है, उनसे जुड़ी पौराणिक कथाएं और चमत्कारी घटनाएं श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। आज हम आपको आगरा स्थित राजेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग से जुड़ी एक अनोखी कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं।

Credit- Twitter X
Rajeshwar Mahadev Mandir, Agra: हर मंदिर का अपना इतिहास होता है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। कुछ मंदिरों से जुड़ी कहानियां इतनी अद्भुत व जादुई होती हैं कि उन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एक ऐसे ही मंदिर की अनोखी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है।

शिवलिंग का बदलता है रंग

आगरा की शमसाबाद रोड के पास भगवान शिव को समर्पित राजेश्वर मंदिर स्थित है, जो आज से करीब 850 साल पुराना है। राजेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग का एक दिन में तीन बार रंग बदलता है। प्रात: काल में मंगला आरती के दौरान शिवलिंग सफेद रंग का होता है, जबकि दोपहर की आरती के दौरान ये हल्के नीले रंग का हो जाता है। शाम की आरती के दौरान शिवलिंग गुलाबी रंग का दिखाई देता है। वैसे तो इस मंदिर में रोजाना ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन सावन और शिवरात्रि के दिन दूर-दूर से भक्तजन बाबा के दर्शन करने के लिए आते हैं।

भोलेनाथ ने सपने में दिया था संकेत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राजेश्वर मंदिर में मौजूद शिवलिंग की स्थापना एक साहूकार के द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित राजाखेड़ा का एक साहूकार एमपी की नर्मदा नदी से बैलगाड़ी में शिवलिंग को लेकर जा रहा था। विश्राम के लिए वो आगरा के शमसाबाद रोड के राजपुर चुंगी रुका। इसी रात साहूकार के सपने में भगवान शिव आए और उन्होंने यहीं पर शिवलिंग स्थापित करने को कहा। लेकिन साहूकार ने सपने पर विश्वास नहीं किया और अगले दिन राजस्थान जाने की तैयारी करने लगा। ये भी पढ़ें- Mankameshwar Mandir: कृष्ण को लेकर पूरी हुई थी भोलेनाथ की कामना, स्थापित किया था शिवलिंग, नाम दिया मन:कामेश्वर मंदिर

अचनाक गिर गया शिवलिंग

कई लोगों ने बैलगाड़ी को खींचा लेकिन बैल अपनी जगह से हिल ही नहीं रहा था। इसी बीच बैलगाड़ी से अचानक शिवलिंग गिर गया और जमीन पर स्थापित हो गया। साहूकार और उसके साथियों ने शिवलिंग को अपनी जगह से हिलाने की बहुत कोशिश की, लेकिन शिवलिंग अपनी जगह से थोड़ा-सा भी नहीं हिला। हार मानकर साहूकार ने वहीं पर शिवलिंग की पूजा की और राजेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया।

सावन में 24 घंटे खुला रहता है मंदिर

कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस शिवलिंग की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। बता दें कि सावन के पहले सोमवार राजेश्वर महादेव मंदिर के पास भव्य मेला लगता है, जिसे देखने के लिए देश के कोने-कोने से भक्तजन आते हैं। इस दौरान 24 घंटे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले रहते हैं। ये भी पढ़ें- Kailash Mandir: आगरा के इस मंदिर में जुड़वा शिवलिंग की होती है पूजा, भगवान परशुराम से जुड़ी है मान्यता डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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