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Kanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति पर आज स्नान-दान के लिए मिलेगा इतना समय, नोट कर लें महा पुण्यकाल

Kanya Sankranti 2024: आज सोमवार 16 सितंबर 2024 को कन्या संक्रांति है। आज के दिन ही विश्वकर्मा पूजा की जाती है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, आज पितरों को प्रसन्न करने लिए स्नान-दान कर लाभ कमाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

Kanya Sankranti 2024: सोमवार 16 सितंबर 2024 के दिन सूर्यदेव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। भगवान सूर्यदेव के इस राशि परिवर्तन को ‘कन्या संक्रांति’ कहते हैं। कन्या संक्रांति से छठे हिंदू सौर महीने की शुरुआत होती है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि यह दिन पितृदोष और कालसर्प दोष से छुटकारा पाने का विशेष दिन होता है। आइए जानते हैं, कन्या संक्रांति का महत्व क्या है, आज स्नान-दान के लिए मुहूर्त और महा पुण्यकाल का समय क्या है?

कन्या संक्रांति का महत्व

हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार, कन्या संक्रांति का दिन पितरों और पूर्वजों के लिए तर्पण, पिंडदान और पंचबलि कर्म के लिए बेहद उपयुक्त माना गया है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। आज के दिन गरीबों को दान देने से सभी प्रकार के धन संकटों का समाधान होने लगता है। ये भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024: चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर? जानें महत्व और नियम

आज होता है विश्वकर्मा पूजन

कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है, जो देवताओं के इंजीनियर या आर्किटेक्ट माने जाते हैं। मान्यता है भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की है, तो भगवान विश्वकर्मा ने इसे सजाने और संवारने का काम किया है। विश्वकर्मा पूजन होने के कारण कन्या संक्रांति का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। बिहार, बंगाल, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस दिन विधि-विधान से विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।

स्नान-दान के लिए मिलेगा इतना समय

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कन्या संक्रांति के दिन नदियों और सरोवरों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है और फिर दान-पुण्य का किया जाता है। आज कन्या संक्रांति पुण्य काल यानी स्नान-दान के लिए 06 घंटे 9 मिनट की अवधि मिल रही है। कन्या संक्रांति पुण्य काल: यह दोपहर 12:16 से शाम 06:25 तक है। कन्या संक्रांति महा पुण्यकाल: यह आज शाम 04:22 से 06:25 तक है। कन्या संक्रांति का क्षण: शाम 07:53 बजे (भगवान सूर्य एग्जैक्ट इस समय पर अपना राशि परिवतन करेंगे)। ये भी पढ़ें: Mahalaya 2024: महालया क्या है, नवरात्रि से इसका क्या संबंध है? जानें महत्व और जरूरी जानकारियां ये भी पढ़ें:  Temples of India: जिंदा लड़की की समाधि पर बना है वाराणसी का यह मंदिर, दिल दहला देने वाला है इतिहास! डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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