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Kaalchakra: सरकारी नौकरी का सपना होगा पूरा, जानिए पंडित सुरेश पांडेय से सही समय और अचूक उपाय

Kaalchakra: जब मेहनत पूरी होती है, तब भी सरकारी नौकरी का सपना क्यों अटक जाता है? क्या सिर्फ पढ़ाई काफी है या ग्रह और समय भी असर डालते हैं? आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय बताते हैं कि मेहनत के बाद भाग्य और ग्रह का संबंध भी अनुकूल होना चाहिए. आइए पंडित जी से जानते हैं, कुंडली को मजबूत करने, आत्मबल बढ़ाने और सफलता पाने अचूक उपाय, जीवन में उन्नति की राह खोल सकते हैं.

Kaalchakra: सरकारी नौकरी आज हर युवा का सपना है, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता कई बार हाथ नहीं आती है. वहीं, आज प्रतियोगिता बहुत तेज है. एक सीट पर हजारों उम्मीदवार होते हैं. मेहनत सब करते हैं, लेकिन चयन कुछ का ही होता है. कई बार पढ़ाई पूरी होने के बाद भी आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है. परीक्षा के समय डर, तनाव या स्वास्थ्य समस्या भी बाधा बनती है. वजह केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि समय, अनुशासन, मानसिक मजबूती और ग्रहों की स्थिति भी मानी जाती है. ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की कमजोरी और गलत दिनचर्या भी परिणाम को प्रभावित करती है. कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय बताते हैं कि सही समय, सही दिशा और छोटे-छोटे उपाय कैसे आपके प्रयासों को मजबूत बना सकते हैं. आइए जानते हैं, कुंडली, ग्रह और करियर का क्या संबंध है और किन उपायों से सरकारी नौकरी का सपना पूरा हो सकता है?

कुंडली और करियर का संबंध

जन्म कुंडली में हर ग्रह आजीविका से जुड़ा होता है. केवल एक ग्रह को दोष देना सही नहीं. सूर्य, गुरु और शनि का योगदान सबसे अधिक माना गया है. इन तीनों ग्रहों का संतुलन करियर को स्थिर बनाता है, क्योंकि:

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- सूर्य आत्मबल, नेतृत्व और सरकारी क्षेत्र का प्रतीक है.
- गुरु ज्ञान, सही निर्णय और मार्गदर्शन देता है.
- शनि मेहनत, अनुशासन और नौकरी का कारक ग्रह है.

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शनि मजबूत हो तो नौकरी आसान

शनि को कर्म का ग्रह कहा जाता है. सरकारी और निजी दोनों नौकरियों में इसकी भूमिका अहम है. शनि कमजोर हो तो देरी, रुकावट और बार-बार असफलता मिल सकती है. नियमित परिश्रम, समय का पालन और संयम शनि को मजबूत करते हैं. बिना शॉर्टकट के लगातार मेहनत करना शनि का सबसे बड़ा उपाय है.

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सूर्य उपासना से बढ़ेगा आत्मविश्वास

जो विद्यार्थी परीक्षा के समय डर या घबराहट महसूस करते हैं, उनके लिए सूर्य उपासना बहुत उपयोगी मानी जाती है. सुबह तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद 'ॐ ब्रह्म स्वरूपण सूर्य नारायणाय नमः' तीन बार बोलें.

नियमित 31 दिन तक यह क्रिया करने से मानसिक शक्ति बढ़ती है. आत्मविश्वास मजबूत होता है, परीक्षा का डर कम होता है और अभीष्ट सफलता प्राप्त होती है.

गुरु और शनि की कृपा के सरल उपाय

- मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के दर्शन करें.
- मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें.
- शनिवार को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- सुबह पक्षियों को जौ या बाजरा खिलाएं.
- गाय को गेहूं की रोटी और गुड़ दें.

ये छोटे कार्य मन को शांति देते हैं और सकारात्मकता बढ़ाते हैं.

दिनचर्या और अनुशासन का महत्व

केवल उपाय ही काफी नहीं. जीवनशैली भी उतनी ही जरूरी है. पढ़ाई के समय अनावश्यक संगति से दूर रहें. लक्ष्य को रोज याद करें. मोबाइल और सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें. ब्रह्मचर्य और संयम से ऊर्जा बचती है. सुबह जल्दी उठना, नियमित अध्ययन और समय पर सोना तैयारी को मजबूत बनाता है.

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घर का वातावरण भी असर डालता है

घर की पूर्व दिशा खुली रखें, ताकि रोशनी और हवा आए. ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाएं. गणेश जी की ऐसी मूर्ति या चित्र रखें, जिसमें सूंड दाईं ओर हो. यह वातावरण को सकारात्मक बनाता है. नारंगी और लाल रंग का सीमित प्रयोग ऊर्जा को सक्रिय करता है.

गायत्री मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र

सूर्य की रोशनी में गायत्री मंत्र का जप बहुत लाभकारी माना गया है. रोज एक माला जप करने से एकाग्रता बढ़ती है. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी साहस और स्पष्ट सोच देता है. नियमित अभ्यास से लंबे समय में बड़ा परिवर्तन देखा जाता है.

नई सोच और व्यवहारिक सुझाव

- पढ़ाई को छोटे लक्ष्य में बांटें.
- हर सप्ताह आत्ममूल्यांकन करें.
- पुराने प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें.
- शरीर के लिए हल्का व्यायाम और प्राणायाम करें.
- माता-पिता के चरण स्पर्श और सम्मान से मनोबल बढ़ता है.

पंडित जी ने कालचक्र के इस वीडियो में यह भी कहा है कि सरकारी नौकरी केवल भाग्य से नहीं मिलती. मेहनत, अनुशासन और सही दिशा जरूरी है. ग्रह अनुकूल हों और कर्म मजबूत हो, तो रास्ते खुलने लगते हैं. पंडित सुरेश पांडेय के बताए उपाय आत्मबल बढ़ाते हैं और नकारात्मकता कम करते हैं. नियमित प्रयास, सकारात्मक सोच और सही दिनचर्या से सरकारी नौकरी का सपना जरूर पूरा हो सकता है. यदि आप इस वीडियो को पूरा देखना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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