Astro Tips: व्यक्ति की कुंडली में 7वें भाव में बैठे ग्रह और 7वें भाव पर दृष्टि डालने वाले ग्रह वैवाहिक जीवन को प्रभावित करते हैं. किसी के 7वें भाव में राहु, केतु, शनि, मंगल और सूर्य ग्रह है तो इससे वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है. 7वें भाव के दूषित होने पर वैवाहिक जीवन कभी भी सुखी नहीं हो पाता है. अगर 7वें भाव में शनि विराजमान हो तो वैवाहिक जीवन नीरस होता है. जीवनसाथी की वाणी कठोर होती है और कलेश होते हैं. रिश्ते में हमेशा लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं.
अगर आप वैवाहिक जीवन में परेशानियों के कारण तनाव में रहते हैं तो कुछ उपाय कर सकते हैं. 7वें भाव में शनि है तो आपको जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए. आप शराब और मांसाहार का सेवन करना बंद करें. झूठ बोलने से बचें और धोखा न दें. आप गाय, बंदर और कुत्ते को कुछ खिलाएं. शनिवार को भैरव भगवान की पूजा करें. शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल से अभिषेक करें.
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कुंडली के सातवें भाव में मंगल
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मंगल ग्रह क्रोध का कारक है. अगर 7वें भाव में मंगल हो तो संबंध प्रभावित होते हैं. मंगली लड़के या लड़की की शादी मंगली के साथ ही करनी चाहिए. 7वें भाव में मंगल होने और इसके ऊपर किसी शुभ दृष्टि न होने पर व्यक्ति का वैवाहिक जीवन संघर्ष से भरा रहता है. आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको वैवाहिक जीवन पर पड़ने अशुभ ग्रहों के प्रभाव और उपायों के बारे में बताने वाले हैं.
https://www.youtube.com/live/zAuw9258n1A?si=ymsdb2fH4h59MDLUये भी पढ़ें - Ram Mandir Dhwajarohan 2025: मंदिर शिखर पर क्यों लगाया जाता है ध्वज? राम मंदिर पर लहराया धर्म ध्वज, जानें महत्वपूर्ण बातें
यदि आप जानना चाहते हैं कि अन्य ग्रहों का संबंध किन बीमारियों से है तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.