सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है। शिव जी की पूजा उनके अलग-अलग स्वरूप में की जाती है। देश में शिव जी को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग स्थित हैं, जहां वो स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, देश में जिन 12 जगह शिव जी ने भक्तों को दर्शन दिए थे, उन्हीं स्थान पर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है।
मान्यता है कि ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से साधक को ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही उनके जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको 12 ज्योतिर्लिंग के महत्व और उनके दर्शन करने के लाभ के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
12 ज्योतिर्लिंग कौन-कौन से हैं?
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- झारखंड
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग- खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे
झारखंड में वैद्यनाथ नामक ज्योतिर्लिंग स्थित है। मान्यता है कि वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से व्यक्ति को ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है और पापों से मुक्ति मिलती है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
उज्जैन में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं, उन्हें गुरु ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में प्यार बढ़ता है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसे केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। शिव का केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग अद्भुत ऊर्जा का केंद्र है, जिसके दर्शन मात्र से कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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