Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: मनुष्य अपनी गलतियों से सीखता है। लेकिन कई बार उसकी ये ही गलतियां उसके विनाश का कारण भी बन जाती हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की प्रत्येक गलती का असर कुंडली में मौजूद ग्रहों पर पड़ता है। कमजोर ग्रहों के कारण साधक को आर्थिक परेशानियों से लेकर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको देव दोष के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण व्यक्ति का जीवन कुछ ही समय में बर्बाद हो जाता है। हालांकि कुछ उपायों को करने से देव दोष के अशुभ प्रभाव को कम भी किया जा सकता है।
देव दोष कब लगता है?
आपने, आपके परिवार या घर के किसी पूर्व सदस्य ने अपने पूर्वजों, कुलदेवी या देवी-देवताओं को मानना छोड़ दिया है, तो ऐसी परिस्थिति में परिवारवालों को देव दोष लगता है।
आपने या आपके पूर्वजों ने पवित्र पेड़ जैसे पीपल को काट दिया है, तो भी देव दोष लगता है।
पेड़ के अलावा अगर प्राण प्रतिष्ठित, अचल भगवान की मूर्ति का स्थान जबरदस्ती बदला गया है या किसी धर्म स्थान में तोड़-फोड़ की गई है, तो भी देव दोष लगता है।
यदि आपने किसी के बहकावे में आकर देवी-देवताओं की पूजा करनी छोड़ दी है, तो ऐसे में भी देव दोष लगता है।
किसी देवी-देवता से यदि आपने कोई मन्नत मांगी थी, जो पूरी हो गई है। लेकिन उसके बाद भी आपने अपना वादा पूरा नहीं किया, तो ऐसी परिस्थिति में भी देव दोष लगता है। माना जाता है कि देव दोष का बुरा प्रभाव तीसरी पीढ़ी तक रहता है।
देव दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए 'ऊँ' की उपासना करनी चाहिए। इसके लिए 24 दिन तक लगातार सुबह-शाम 24 मिनट 'ऊँ' का उच्चारण करें।
देव दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अपने धर्म का पालन करें। रोजाना ग्रंथों का पाठ करें। इसी के साथ मंदिर में दान-पुण्य करें।
घर में 8 पीपल के पेड़ लगाने से देव दोष के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। लेकिन रोजाना पेड़ में जल दें और शनिवार के दिन विशेषतौर पर पीपल के पेड़ की पूजा करें।
विष्णु सहस्रनाम का 1,100 बार पाठ करना भी शुभ होता है।
दोष को कम करने के लिए पुरुष सूक्त के 16 मंत्रों से 16 बार हवन करना चाहिए।