साल 2025 में 30 मार्च से मां दुर्गा को समर्पित चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो गया है, जिसका समापन 8 दिन बाद आज यानी 6 अप्रैल को राम नवमी के दिन होगा। राम नवमी के दिन मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान राम की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि प्राचीन काल में इसी तिथि पर भगवान राम का जन्म हुआ था। इसलिए आज के दिन व्रत रखने और राम जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको राम जी की पूजा के शुभ मुहूर्त और राम जी को प्रसन्न करने वाले अचूक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
राम नवमी की पूजा का मुहूर्त
मध्यान्ह मुहूर्त- सुबह 11:08 से दोपहर 01:39 मिनट तक
राहुकाल- शाम में 5:07 से लेकर 6:40 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 12:04 से लेकर 12:54 मिनट तक
अमृत काल- देर रात 11:46 से लेकर अगले दिन को सुबह 01:25 मिनट तक
राम नवमी के दिन अपने घर में राम दरबार की तस्वीर या प्रतिमा जरूर स्थापित करनी चाहिए। राम दरबार में पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मूर्ति का मुख रखें। सुगंधित द्रव्यों से राम दरबार को साफ करें। राम जी का चंदन, कुमकुम या हल्दी से तिलक करें। राम जी को पीले या लाल फूलों की माला अर्पित करें। खीर या मेवे का भोग लगाएं। इस दौरान राम लक्षा स्तोत्र का पाठ करें। यदि हो सके तो राम दरबार की परिक्रमा करें। परिक्रमा करने की जगह न हो तो वहीं खड़े होकर 7 बार परिक्रमा करें। इससे आपको भगवान राम का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही परिवारवालों के बीच प्रेम बढ़ेगा और गृह क्लेश दूर होगा।
राम नवमी के दिन राम मंत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से साधक को न सिर्फ अक्षय पुण्य मिलता है, बल्कि धन-संपदा में भी बढ़ोतरी होती है। श्री राम के नाम या मंत्र का जाप तुलसी या चंदन की माला से ही करना चाहिए।
जो लोग हमेशा बीमार रहते हैं, उनको मन ही मन राम नाम का जाप करना चाहिए। सुबह-शाम राम नाम का 108 बार जाप करने से सेहत में सुधार हो सकता है।
बरगद के पत्ते पर केसर से राम नाम लिखकर अपने पर्स में रखें। इससे आपकी बचत बढ़ेगी और धन-संपदा में वृद्धि होगी।
राम नवमी के दिन सच्चे मन से राम नाम के जाप से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है और मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है।