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Kaal Bhairav Jayanti 2025: आज काल भैरव जयंती पर कर लें ये चमत्कारी उपाय, ग्रह कलेश होगी दूर मिलेंगे कई फायदे

Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती आज 11 नवंबर को मनाई जा रही है. काल भैरव जयंती का पर्व मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. काल भैरव जयंती पर भगवान काल भैरव की पूजा का महत्व होता है. आप काल भैरव जयंती पर कुछ खास उपाय कर सकते हैं इससे आपको लाभ मिलेगा.

Photo Credit- News24GFX

Kaal Bhairav Jayanti 2025: आज काल भैरव जयंती के दिन आप काल भैरव भगवान की पूजा करें और उन्हें प्रसन्न करें. इसके साथ ही आप काल भैरव जयंती पर कुछ खास उपाय कर सकते हैं. इन खास उपायों को करने से आपको खास लाभ मिलेगा. काल भैरव भगवान की पूजा से भय और शत्रुओं का नाश होता है साथ ही नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है. बता दें कि, काल भैरव भगवान शिव जी का एक उग्र और शक्तिशाली रूप हैं. इन्हें इन्हें तंत्र-मंत्र का देवता और काशी का कोतवाल भी कहा जाता है. चलिए आपको काल भैरव जयंती पर किए जाने वाले उपायों के बारे में बताते हैं.

काल भैरव जयंती पर करें ये खास उपाय (Kaal Bhairav Jayanti Ke Upay)

तेल का दीपक जलाएं

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काल भैरव जयंती के दिन आप भगवान काल भैरव के मंदिर जाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके साथ ही बाबा काल भैरव को जलेबी और नारियल का भोग लगाएं. इससे आप काल भैरव भगवान को प्रसन्न कर अकाल मृत्यु से बचे रह सकते हैं.

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कुत्ते को रोटी खिलाएं

कुत्ते को बाबा काल भैरव की सवारी माना जाता है. आपको काले कुत्ते की सेवा करनी चाहिए और उसे घी लगी हुई रोटी खिलानी चाहिए. इस उपाय को करने से व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है.

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शमी के पेड़ की पूजा

घर-परिवार में तनाव बना रहता है और पति-पत्नी के बीच झगड़े होते रहते हैं तो आपको काल भैरव जयंती के दिन शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से रिश्तों में मिठास आती है.

काल भैरव जयंती पर करें मंत्र जाप

आपको काल भैरव जयंती के दिन मंत्रों का जाप करना चाहिए. आप रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:’ इस मंत्र का जाप करें. इस उपाय से शत्रुओं से छुटकारा मिलेगा. इसके साथ ही आप 21 बेलपत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखें. इसे शिवलिंग पर अर्पित करें. इससे भोलेनाथ की कृपा से भय, रोग और दोष से मुक्ति मिलेगी.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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