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Hariyali Teej 2025: जानें क्या हैं हरियाली तीज व्रत के नियम? जिनका विवाहित-अविवाहित दोनों को करना चाहिए पालन

Hariyali Teej Vrat Niyam: हर साल बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। हालांकि व्रत के दौरान जाने-अनजाने में उनसे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिनके कारण उपवास खंडित हो जाता है। इसलिए आज हम आपको हरियाली तीज के व्रत से जुड़े 12 जरूरी नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।

सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics
Hariyali Teej 2025 Vrat Niyam: महिलाओं के लिए हरियाली तीज के त्योहार का खास महत्व है। ये दिन मां पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक है। खासकर विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। हालांकि अब कुंवारी लड़कियां भी योग्य व मनचाहे पति के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। साल 2025 में 26 जुलाई को देर रात 10:41 मिनट से लेकर 27 जुलाई को देर रात 10:41 मिनट तक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 27 जुलाई 2025, वार रविवार को हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा। हालांकि हरियाली तीज के व्रत के दौरान महिलाओं को कई नियमों का पालन करना होता है। यदि वो ऐसा नहीं करती हैं तो उनका व्रत खंडित हो जाता है। चलिए अब जानते हैं हरियाली तीज व्रत के 12 जरूरी नियमों के बारे में।

हरियाली तीज व्रत के नियम

  • हरियाली तीज का व्रत निर्जला होता है यानी पूरे दिन अन्न और जल किसी का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
  • तीज के दिन शिव जी और देवी पार्वती की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करना जरूरी होता है।
  • हरियाली तीज के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने के साथ माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता है। इसके बिना व्रत को पूरा नहीं माना जाता है।
  • जिन महिलाओं ने हरियाली तीज का व्रत रखा है, उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए।
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  • व्रती को काले रंग की चीजों को धारण करने से बचना चाहिए।
  • हरियाली तीज के शुभ दिन विवाहित महिलाओं को हरे रंग की साड़ी पहनकर सोलह श्रृंगार करना चाहिए। जबकि अविवाहित कन्याओं को सलवार सूट पहनना चाहिए और मेहंदी, बिंदी और आभूषण जरूर धारण करना चाहिए। इनके बिना व्रत को पूरा नहीं माना जाता है।
  • अगर व्रत का संकल्प लिया है तो उसे बीच में न तोड़ें। यदि व्रत बीच में टूट जाए तो अपनी गलती के लिए माफी मांगें और व्रत को पूरा करें।
  • जब तक व्रत का पारण न हो जाए, तब तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • व्रत के दौरान शारीरिक शुद्धता के साथ-साथ मन का शुद्ध होना भी जरूरी है। इसलिए व्रत के दौरान व्रती को नकारात्मक चीजों से दूर रहना चाहिए। साथ ही क्रोध, झूठ, लालच और लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए।
  • व्रत के दौरान इलेक्ट्रॉनिक आइटम का कम से कम इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा ध्यान लगाएं।
  • व्रत वाले दिन नाखून और बाल काटना अशुभ माना जाता है।
  • विवाहित और अविवाहित महिलाओं को खुले बालों में शिव जी और देवी पार्वती की पूजा नहीं करनी चाहिए। महिलाओं को बाल बांधकर और सिर ढककर पूजा करनी चाहिए।
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