दृष्टि गणेश का महत्व
वास्तु शास्त्र की मान्यता के अनुसार, घर या दुकान के मेन गेट पर दृष्टि गणेश (Drishti Ganesha) स्थापित करने से बिगड़ा हुआ काम भी बन जाता है। जिन लोगों के मन का सोचा हुआ काम नहीं होता है, दृष्टि गणेश के प्रभाव से उनके मन में सोचा हुआ काम मूर्त रूप ले लेता है। मेन गेट पर पर इनको स्थापित करने से घर, दुकान या प्रतिष्ठान में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। घर या घर के सदस्यों पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है।दृष्टि गणेश स्थापना के नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दृष्टि गणेश (Drishti Ganesha) की मूर्ति का मुख सदैव उस दिशा में होना चाहिए, जिस दिशा में वह घर की ओर देख रहे हों।- घर में दृष्टि गणेश की मूर्ति लाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह बैठी हुई या लेटी हुई मुद्रा में हो, क्योंकि इस प्रकार की प्रतिमा आराम और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है। दुकान में दृष्टि गणेश की खड़ी मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।
- सफलता और सकारात्मकता के लिए दृष्टि गणेश (Drishti Ganesha) की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए।
- दृष्टि गणेश की प्रतिमा के साथ उनका प्रिय भोजन मोदक और उनका वहां चूहा जरूर होना चाहिए।
- प्रत्येक सुबह दृष्टि गणेश की पूजा करना अनिवार्य है।
- जहां दृष्टि गणेश स्थापित होते हैं, वहां एक साथ तीन मूर्तियां नहीं होनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।