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Disha Shool Kya Hai: दिशा शूल क्या है, जानें किस दिन किस दिशा में यात्रा देता है संकट को बुलावा

Disha Shool Kya Hai: दिशा शूल एक प्राचीन ज्योतिषीय नियम है, जो बताता है कि सप्ताह के कुछ दिन किस दिशा में यात्रा अशुभ हो सकती है? आइए जानते हैं, कौन-सा दिन कौन-सी दिशा में खतरा ला सकता है और इसे टालने के सरल उपाय क्या हैं?

Disha Shool Kya Hai: दिशा शूल एक प्राचीन ज्योतिषीय मान्यता है. इसमें यह बताया गया है कि सप्ताह के कुछ खास दिनों में कुछ दिशाओं में यात्रा करना अशुभ होता है. 'शूल' का मतलब होता है संकट या बाधा यानी नियत दिन कि नियत दिशा में जाने से यात्रा में कठिनाई, रुकावट या नुकसान हो सकता है. ज्योतिष में इसे बहुत महत्व दिया गया है. खासकर तब, जब लोग किसी महत्वपूर्ण काम या यात्रा के लिए निकलते हैं. दिशा शूल की जानकारी लेने से हम अपनी यात्रा को सुरक्षित और सफल बना सकते हैं. आइए जानते हैं, सप्ताह के दिनों के अनुसार दिशा शूल कब होता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं?

सप्ताह के अनुसार दिशा शूल

सप्ताह के हर दिन के लिए अलग दिशा को अशुभ माना गया है. यह जानना और याद रखना बेहद सरल है. इसे ध्यान में रखकर आप कठिनाई से बच सकते हैं. सप्ताह के अनुसार दिशा शूल इस प्रकार है:

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- सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा अशुभ मानी जाती है.
- मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा यात्रा के लिए अनुकूल नहीं रहती.
- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा शूल वाली होती है.
- बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा अशुभ मानी जाती है.

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इन दिनों के अनुसार उनके लिए निर्धारित दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. इस तरह, हर दिन की विशेष दिशा का ध्यान रखकर हम अपनी यात्रा को सुरक्षित और सफल बना सकते हैं. आपको बता दें कि अगर आप यात्रा उसी दिन पूरी करके वापस लौट आते हैं, तो दिशा शूल का असर नहीं माना जाता है.

दिशा शूल के सामान्य उपाय

अगर किसी कारणवश आपको दिशा शूल वाली दिशा में जाना पड़े, तो कुछ सरल उपाय हैं. इससे यात्रा सुरक्षित और सरल हो सकती है.

- यात्रा से पहले कुछ कदम उल्टे चलें.
- जिस दिशा में शूल है, उसकी विपरीत दिशा में थोड़ा चलकर फिर यात्रा शुरू करें.

दिन के अनुसार दिशा शूल के उपाय

दिशा शूल के असर को कम करने के लिए दिन के अनुसार कुछ चीजें खाकर या करके निकलना शुभ माना जाता है.

सोमवार: दर्पण देखकर या दही खाकर यात्रा करें.
मंगलवार: रोटी या गुड़ खाकर निकलें.
बुधवार: तिल या धनिया खाकर निकलें.
गुरुवार: दही या चने की दाल खाकर यात्रा करें.
शुक्रवार: जौ या राईं खाकर निकलें.
शनिवार: अदरक या उड़द की दाल खाकर यात्रा करें.
रविवार: यात्रा शुरू करने से पहले हल्का स्नान या पूजा करें.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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