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Chanakya Niti: बार-बार ‘इंसल्ट’ करने वाले को बिना लड़ाई कैसे दें जवाब, आचार्य चाणक्य से जानें चुप कराने के तरीके

Chanakya Niti: क्या कोई बार-बार आपका 'इंसल्ट' करता है? आचार्य चाणक्य कहते हैं, हर अपमान का जवाब लड़ाई से नहीं, बुद्धि से दिया जा सकता है. आइए जानते हैं, वे खास चाणक्य नीतियां, जिनसे आप बिना बोले ही अपमान करने वालों को हमेशा के लिए चुप करा सकते हैं?

Chanakya Niti: जीवन में हर किसी को कभी न कभी किसी न किसी के द्वारा 'अपमान' का सामना करना पड़ता है. कोई शब्दों से चोट पहुंचाता है, तो कोई व्यंग्य या व्यवहार से. लेकिन आचार्य चाणक्य, जो अपनी बुद्धिमत्ता और नीति शास्त्र के लिए प्रसिद्ध हैं, कहते हैं कि ऐसे लोगों से लड़ना ही समाधान नहीं है. असली जीत तब होती है जब आप बिना बोले और बिना झगड़ें ही उन्हें चुप करा दें. आइए जानते हैं, चाणक्य की उन नीतियों को, जिनसे हम अपमान को भी अपनी ताकत बना सकते हैं.

अपमान को चुनौती बनाएं

जब कोई आपका अपमान करता है, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने की बजाय उसे एक प्रेरणा की तरह लें. चाणक्य कहते हैं, 'जो अपमान सहकर भी शांत रहता है, वही सच्चा विजेता होता है.' अपमान को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का साधन बनाइए. सोचिए – अगर कोई आपको कमजोर समझ रहा है, तो क्यों न अपनी मेहनत से उसे गलत साबित किया जाए? आपकी सफलता ही उसका जवाब होगी.

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सफलता है सबसे बड़ा प्रतिशोध

चाणक्य के अनुसार 'सफलता से बड़ा बदला कोई नहीं.' जब आप अपनी मेहनत, लगन और बुद्धि से आगे बढ़ते हैं, तो वही लोग जो कभी आपकी बेइज्जती करते थे, आपकी तारीफ करने लगते हैं. जीवन में इतनी ऊँचाई हासिल करें कि आपके विरोधियों की आवाज खुद ही धीमी पड़ जाए.

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दूरी बनाना है समझदारी

हर लड़ाई जीतना जरूरी नहीं, कुछ जगह दूरी बना लेना ही सबसे बड़ा हथियार होता है. जो व्यक्ति बार-बार आपका अपमान करता है, वह अंदर से असुरक्षित होता है. ऐसे लोगों से दूर रहना आपकी शांति और प्रगति दोनों के लिए आवश्यक है. याद रखें, जहां सम्मान नहीं, वहां ठहरना नहीं.

शालीनता से दें जवाब

चाणक्य नीति कहती है, 'क्रोध में लिया गया निर्णय हमेशा हानि पहुंचाता है.' इसलिए जब कोई आपकी बेइज्जती करे, तो तुरंत जवाब न दें. खुद को शांत करें और फिर मधुर वाणी में ऐसी बात कहें जो उसके व्यवहार पर प्रकाश डाल दे. विनम्रता से दिया गया उत्तर सबसे तीखा तीर होता है, जो सामने वाले को सोचने पर मजबूर कर देता है.

खुद को खुद को कमजोर न समझें

अपमान का दर्द तभी असर करता है जब आप खुद को कमजोर समझते हैं. आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को हमेशा ऊँचा रखें. खुद पर विश्वास रखिए – कोई भी शब्द आपकी कीमत तय नहीं कर सकता. जो खुद को जान लेता है, उसे कोई अपमानित नहीं कर सकता.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी चाणक्य नीति शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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