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Chanakya Niti: नर्क की आत्मा का अवतार होते हैं ये लोग, जिनमें होते हैं ऐसे 5 लक्षण

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार नर्क कोई स्थान नहीं, बल्कि अवगुणों से भरा जीवन है. जो व्यक्ति दुष्ट आचरण, गलत सोच और बुरे स्वभाव में जीता है, वही नर्क भोगता है. चाणक्य नीति ऐसे लोगों के 5 स्पष्ट लक्षण बताती है. आइए जानते हैं, ऐसे लक्षण क्या-क्या हैं?

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के महान विचारक, नीति शास्त्र के ज्ञाता और कुशल रणनीतिकार थे. उन्होंने जीवन को केवल भाग्य या परिस्थितियों से नहीं, बल्कि कर्म, सोच और स्वभाव से जोडकर देखा. चाणक्य का मानना था कि मनुष्य जैसा आचरण करता है, वैसा ही उसका भविष्य बनता है. उनके विचार सत्ता, समाज और व्यक्तिगत जीवन तीनों के लिए समान रूप से उपयोगी रहे हैं. उनके अनुसार नर्क कोई केवल स्थान नहीं, बल्कि ऐसा जीवन भी हो सकता है जो अवगुणों से भरा हो. जो व्यक्ति लगातार दुष्ट आचरण करता है, वही नर्क भोगने योग्य बनता है. चाणक्य नीति ऐसे लोगों की पहचान के लिए कुछ स्पष्ट संकेत बताती है, जिनसे समय रहते सावधान हुआ जा सकता है. आइए जानते हैं, ऐसे लक्षण कौन-से हैं?

अत्यधिक क्रोध का स्वभाव

क्रोध बुद्धि को ढक देता है. चाणक्य के मत अनुसार जो व्यक्ति छोटी बात पर भी आग बबूला हो जाता है, वह अपने लिए और दूसरों के लिए कष्ट पैदा करता है. ऐसा स्वभाव रिश्तों को तोड देता है और निर्णय क्षमता कमजोर कर देता है. शांत मन ही उन्नति का मार्ग दिखाता है.

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कटु वाणी का प्रयोग

कठोर और अपमानजनक शब्द दिल को गहरी चोट देते है. दुष्ट व्यक्ति की पहचान उसकी वाणी से हो जाती है. मीठे शब्द संबंध जोडते है, जबकि कडवे शब्द दूरी बढाते है. चाणक्य नीति वाणी को चरित्र का आईना मानती है.

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सदा अभाव और दरिद्रता

यहां दरिद्रता केवल धन की कमी नहीं, बल्कि विचारों की कमी भी है. जो व्यक्ति परिश्रम से भागता है और नकारात्मक सोच रखता है, उसके जीवन मे अभाव बना रहता है. चाणक्य के अनुसार आलस्य और गलत संगति इसका बडा कारण बनती है.

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अपने लोगों से वैर

जो व्यक्ति अपने ही परिवार और निकट जनों से ईर्ष्या या शत्रुता रखता है, वह भीतर से टूट जाता है. ऐसे व्यक्ति को न तो सहयोग मिलता है और न ही सुकून. चाणक्य नीति सिखाती है कि परिवार और मित्र जीवन की सबसे बडी शक्ति होते है.

नीच संगति और गलत सेवा

गलत लोगों का साथ व्यक्ति के गुणों को नष्ट कर देता है. चाणक्य कहते है कि मित्र वही चुने जो गुणी और समझदार हो. नीच प्रवृत्ति वालों की सेवा करने से व्यक्ति खुद भी उसी मार्ग पर चल पडता है.

जीवन के लिए उपयोगी सीख

चाणक्य नीति केवल दोष गिनाने तक सीमित नहीं. यह आत्म सुधार का मार्ग भी दिखाती है. क्रोध पर नियंत्रण, मधुर वाणी, सही संगति, परिश्रम और अपने लोगों के साथ प्रेम, यह सब गुण जीवन को स्वर्ग समान बना सकते है. हर व्यक्ति अपने आचरण से अपनी दिशा खुद तय करता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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