Bhandara Niyam: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम हो या पूजा पाठ उसमें भंडारे का आयोजन किया जाता है। वहीं सिख धर्म में भंडारे को लंगर कहा जाता है। बता दें कि लंगर या भंडारा एक प्रसाद का रूप होता है। इसे ग्रहण करना शुभ और लाभदायक माना गया है। आप भी कभी न कभी एक बार भंडारा जरूर खाए होगें, लेकिन क्या आपको पता हैं कि हर किसी को भंडारे का खाना चाहिए या नहीं। आज इस खबर में बताएंगे कि किन-किन लोगों को भंडारा नहीं खाना चाहिए।
किसको नहीं खाना चाहिए भंडारा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कभी भी भंडारे उन लोगों के लिए किया जाता है जो समय से भोजन नहीं कर पाते हैं, भूखे रहते हैं या वे भोजन करने में समर्थ नहीं है। भंडारे का अर्थ होता है कि किसी गरीब का पेट भरना। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि भंडारे में काबिल व्यक्ति भोजन करता है तो माना जाता है कि किसी गरीब या जरूरतमंद का हिस्सा हड़पना होता है। जो कि शास्त्रों में ऐसा करना अशुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि सामर्थ व्यक्ति भंडारे में जाकर भोजन करता है तो वह पाप का भागीदारी बनता है। साथ ही उससे भगवान रुष्ठ हो जाते हैं।
भंडारे में भोजन करना क्यों होता है अशुभ
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, यदि समर्थ व्यक्ति भंडारे में भोजन करता है तो उसके जीवन में कई तरह की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं। साथ ही व्यक्ति के घर में अन्न का अभाव होने लगता है। मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। आर्थिक तंगी होने लगती है।