Bad Habits: हर व्यक्ति लंबी उम्र और स्वस्थ शरीर की इच्छा रखता है, लेकिन हमारी ही कुछ अनदेखी आदतें धीरे-धीरे हमें कमजोर बना देती हैं. कई बार हम छोटी-छोटी गलतियों को आदत समझकर छोड़ देते हैं, जबकि यही आदतें शरीर, मन और ऊर्जा को नुकसान पहुंचाती हैं. संत-परंपरा और शास्त्रों में भी ऐसे आचरण बताए गए हैं जो आयु कम करते हैं. आइए जानते हैं, ये गलतियां क्या हैं, जो समय से पहले इंसान को बूढ़ा बना देती है और जानें कि नुकसान से कैसे बचा जा सकता है?
ईश्वर की अवहेलना और नकारात्मक सोच
जो लोग किसी भी आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धांत या गुरु को स्वीकार नहीं करते, वे अक्सर भीतर से अस्थिर रहने लगते हैं. यह नकारात्मक सोच मन को भारी और उद्विग्न बना देती है, जिससे व्यक्ति तनावग्रस्त और ऊर्जा-हीन महसूस करता है. शास्त्रों में बताया गया है कि विनम्रता और श्रद्धा मन को हल्का करती है और जीवन में सकारात्मकता लाती है.
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शरीर को नुकसान पहुंचाने गलतियां
दांतों से नाखून चबाना, सुबह उठकर अपवित्र या बासी भोजन करना, बिना सोचे-समझे कुछ भी खाना, ये सब छोटी-सी गलतियां शरीर पर बड़ा असर डालती हैं. ऐसी आदतें पाचन शक्ति कमजोर करती हैं और प्रतिरोधक क्षमता में कमी लाती हैं. धीरे-धीरे ये आदतें शरीर को थकान, तनाव और समय से पहले बुढ़ापे की ओर धकेल देती हैं. इनसे बचने के लिए सुबह स्वच्छ और हल्के भोजन से दिन की शुरुआत करना और गलत आदतों को धीरे-धीरे छोड़ना जरूरी है.
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संध्याकाल में सोना
शाम का समय प्रकृति में ऊर्जा परिवर्तन का माना गया है. इस समय भारी भोजन करना या सीधे सो जाना शरीर की दिनचर्या को बिगाड़ देता है. इससे पाचन कमजोर होता है, वजन बढ़ता है और आलस्य बढ़ने लगता है. इससे नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. संध्याकाल हल्का भोजन लेने और थोड़ा-बहुत टहलने के लिए सर्वोत्तम माना गया है, ताकि शरीर सक्रिय और संतुलित बना रहे.
ग्रहण के समय सूर्य देखना
ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें सामान्य समय से अलग प्रभाव डालती हैं. इस समय सीधे सूर्य की ओर देखना आंखों के लिए हानिकारक होता है और मानसिक ऊर्जा को भी कमजोर करता है. शास्त्रों में इसे आयु-क्षय का कारण बताया गया है. इसलिए ग्रहण के समय हमेशा सावधानी बरतें और बिना सुरक्षा के सूर्य की ओर बिल्कुल न देखें.
दिल दुखाने वाले शब्द बोलना
हमारे शब्द हमारी सोच का प्रतिबिंब होते हैं. जब हम कठोर या चोट पहुंचाने वाले शब्द बोलते हैं, तो न केवल सामने वाला व्यक्ति आहत होता है, बल्कि इसका नकारात्मक असर हमारे मन और शरीर पर भी पड़ता है. क्रोध और तनाव बढ़ते हैं, जिससे मानसिक शांति खत्म होती है. शास्त्रों में इसे महापाप बताया गया है और ऐसा व्यवहार आयु को कम करता है.
दूसरों का मजाक उड़ाना
कोई व्यक्ति कमजोर हो, गरीब हो, विकलांग हो या किसी प्रकार की कठिनाई में हो, ऐसे लोगों का उपहास करना मनुष्य के भीतर नकारात्मकता भर देता है. यह आदत करुणा और विनम्रता को खत्म कर देती है, जिससे मन कठोर और ऊर्जा-हीन हो जाता है. दयालुता, सहानुभूति और सम्मान जीवन को लंबा और सुखद बनाने वाले गुण माने गए हैं.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।