Shri Yamuna Mata Ki Aarti: हिंदू धर्म में माता यमुना की पूजा का खास महत्व है, जो सूर्य देवता की पुत्री और यमराज की बहन हैं. इसके अलावा देवी यमुना को भगवान कृष्ण की अष्ट भार्याओं (आठ प्रमुख पत्नियों) में से एक माना जाता है, जिनकी पूजा एक पवित्र नदी के रूप में भी की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी यमुना की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा यमुना तट पर दीपक जलाने से अकाल मृत्यु के भय, शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव और आर्थिक कष्ट से मुक्ति मिलती है. साथ ही यमराज भी प्रसन्न होते हैं.
खासकर, नरक चतुर्दशी और भाई दूज के दिन देवी यमुना की पूजा करना शुभ होता है. हालांकि, देवी यमुना की पूजा उनकी आरती किए बिना अधूरी होती है. चलिए अब जानते हैं देवी यमुना की सही और संपूर्ण आरती के बारे में.
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देवी यमुना की आरती (Yamuna Mata Ki Arti in Hindi)
ओम जय यमुना माता, हरि जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे सुख दुःख की दाता।।
ओम जय यमुना माता…
पावन श्रीयमुना जल अगम बहै धारा।
जो जन शरण में आया कर दिया निस्तारा।।
ओम जय यमुना माता…
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे।
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे।।
ओम जय यमुना माता…
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही।
तुम्हारा बड़ा महातम चारो वेद कही।।
ओम जय यमुना माता…
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो।
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो।।
ओम जय यमुना माता…
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी।
मन बेचैन भया हैं तुम बिन वैतरणी ।।
ओम जय यमुना माता…
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.