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Vrindavan Banke Bihari Mandir Holi 2025 (मातुल शर्मा): होली को खुशियों का पर्व माना जाता है जिसका जश्न देश के कोने-कोने में देखने को मिलता है। खासतौर पर वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में होली की धूम देखने लायक होती है। यहां बसंत-पंचमी के दिन से ही होली खेलनी शुरू हो जाती है। इस समय बांके बिहारी मंदिर में होली का खुमार अपने चरम पर पहुंच गया है।

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मंदिर प्रांगण में बसंत-पंचमी के दिन से रोजाना होली खेली जा रही है। हालांकि इस बार बांके बिहारी मंदिर में गुलाल की जगह "टेसू के फूलों'' से बने रंगों से होली खेली जा रही है। बता दें कि आने वाले 5 दिनों तक यहां इसी प्राकृतिक रंग से होली खेली जाएगी।

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सबसे पहले बांके बिहारी मंदिर जी के प्रमुख आचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र आनंद किशोर गोस्वामी जी बांके बिहारी को टेसू का रंग लगाते हैं जिसके बाद पिचकारी में रंग भरकर मंदिर प्रांगण में मौजूद भक्तों पर उसे डाला जाता है। भक्त भगवान के प्रसाद के रूप में इस रंग को अपने ऊपर खुशी से डलवाते हैं।

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बता दें कि होली के खास मौके पर मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है जो देखने में काफी मनमोहक लगता है। इस साल 14 मार्च 2025 को देशभर में होली का पर्व मनाया जाएगा जिससे एक दिन पहले 13 मार्च 2025 को होलिका दहन होगा।

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होली को प्रेम और भक्ति का प्रतीक माना जाता है जिस दौरान लोग आपसी बैर को भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं। हर साल देश के कोने-कोने से लोग होली मनाने के लिए वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पहुंचते हैं।

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हर बार की तरह इस बार भी होली से पहले वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी।