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अयोध्या से जनकपुर तक राम बारात का भव्य सफर, नेपाल में चार दिन रहेंगे बराती
नेपाल के जनकपुर धाम से पहली बार पांच सौ से अधिक लोग 18 नवंबर को अयोध्या में श्रीराम के तिलकोत्सव के लिए पहुंचेंगे। यह खास आयोजन जनकपुरवासियों द्वारा बेटी सीता के दामाद श्रीराम को तिलक चढ़ाने के लिए किया जा रहा है। 16 नवंबर को जनकपुर से यात्रा की शुरुआत होगी, जिसमें 6 बसें, 50 से अधिक वाहन, एक ट्रक और रथ शामिल होंगे। 18 नवंबर को अयोध्या के राम मंदिर में भव्य तिलकोत्सव मनाया जाएगा। 6 दिसंबर को श्रीराम और सीता का विवाह जनकपुर में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे।
नेपाल के जनकपुर धाम से अयोध्या में श्रीराम के तिलकोत्सव के लिए पांच सौ से अधिक बराती 18 नवंबर को पहुंचेंगे। यह पहली बार होगा जब जनकपुरवासी अपनी बेटी सीता के लिए अयोध्या में दामाद श्रीराम को तिलक चढ़ाने आएंगे।
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष संतोष शाह के मुताबिक 16 नवंबर को सुबह 8 बजे 500 बराती जनकपुर से प्रस्थान करेंगे। ये लोग 6 बसों, 50 से अधिक गाड़ियों, एक ट्रक और रथ पर संगीत के साथ 17 नवंबर को भारत में प्रवेश करेंगे।
18 नवंबर को दोपहर 2 बजे अयोध्या के राम मंदिर में तिलकोत्सव का आयोजन होगा। नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और जनकपुर के मेयर मनोज शाह तिलक चढ़ाने के मुख्य अतिथि होंगे।
6 दिसंबर को श्रीराम का जनकपुर में सीता संग विवाह होगा। श्रीराम पालकी पर सवार होकर रंगभूमि मैदान में पहुंचेंगे, जहां उनका स्वागत फूलों की वर्षा और आरती के साथ किया जाएगा। यह वही स्थान है जहां सीता का स्वयंवर हुआ था।
पालकी को नगर परिक्रमा कराते हुए राम जानकी मंदिर तक ले जाया जाएगा। यहां भव्य समारोह में रीति-रिवाजों के साथ राम और सीता का विवाह संपन्न होगा। इस दौरान नगर में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ेगी।
जनकपुरवासी तिलक के लिए विशेष सामग्री लेकर आएंगे। इसमें सोने की चेन, चांदी की मटर माला, पान-सुपारी, सर्दी-गर्मी के कपड़े, बर्तन, फल, मेवा, मिठाई और नेपाली करेंसी शामिल होगी। तिलक के बाद 19 नवंबर को वापसी होगी।
26 नवंबर को अयोध्या से श्रीराम की बरात जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी। बराती विभिन्न स्थानों जैसे आजमगढ़, बक्सर, पटना, सीतामढ़ी से होते हुए 2 दिसंबर को नेपाल बॉर्डर पर पहुंचेंगे और 3 दिसंबर को जनकपुरधाम पहुंचेंगे।
बरात 4 से 7 दिसंबर तक जनकपुर में रहेगी और वहां कई धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेगी। 8 दिसंबर को बराती वापस अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।
तिलक यात्रा के दौरान बराती नेपाल के हुलाकी मार्ग से होते हुए कई स्थानों पर रुकते हुए भारत के रक्सौल बॉर्डर से प्रवेश करेंगे और फिर गोरखपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेंगे।