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Hanuman Ji's Eight Hidden Powers: हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. हनुमान चालीसा की एक चौपाई में "अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता" का उल्लेख है. यहां पर हनुमान जी की आठ सिद्धियों अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व के बारे में बताया गया है जो उन्हें माता सीता से वरदान में प्राप्त हुई थीं. चलिए इन सिद्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

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अणिमा - हनुमान जी की अणिमा सिद्धि से वह कहीं भी प्रवेश कर सकते थे. अपना आकार छोटा कर हनुमान जी किसी भी जगह प्रवेश कर सकते थे. लंका में प्रवेश के लिए हनुमान जी ने इसी सिद्धि का इस्तेमाल किया था.

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महिमा - महिमा सिद्धि से मनुष्य विद्या और तपोबल से अपना आकार बड़ा कर सकता है. हनुमान जी ने सुरसा को परास्त करने के लिए इस सिद्धि से अपना आकार बड़ा किया था.

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लघिमा - लघिमा सिद्धि के जरिए हनुमान जी अपना वजन बहुत ही हल्का कर सकते थे. उन्होंने अशोक वाटिका में अपना वजन कम कर पत्ते पर बैठकर मां सीता को परिचय दिया था.

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गरिमा - गरिमा सिद्धि से हनुमान जी अपना वजन बहुत भारी कर सकते थे. हनुमान जी ने महाभारत काल में भीम का अहंकार तोड़ने के लिए वजन बढ़ा लिया था और भीम हनुमान जी की पूंछ को हिला नहीं सका.

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प्राप्ति - प्राप्ति सिद्धि से किसी भी चीज को प्राप्त किया जा सकता है. इस सिद्धि से हनुमान जी ने पशु-पक्षियों की भाषा सीख उनसे बात की और माता सीता की खोज की.

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प्राकाम्य - प्राकाम्य सिद्धि से कोई भी पृथ्वी में समा सकता है और आकाश में उड़ सकता है. इसी सिद्धि के कारण हनुमान जी को जीवित और अमर माना जाता है.

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ईशित्व - यह अर्थ दैविय शक्तियों से परिपूर्ण सिद्धि है. ईशित्व सिद्धि के जरिए हनुमान जी ने वानर सेना का नेतृत्व किया था. इस सिद्धि से मृत प्राणी को जीवित किया जा सकता है.

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वशित्व - वशित्व सिद्धि से किसी को भी वश में कर सकते हैं. इस सिद्धि से हनुमान जी ने अपने मन पर नियंत्रण पाया था. इससे हनुमान जी ने इंद्रियों को वश में कर लिया था.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है. (All Photos Credit - Social Media)