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Arthritis Symptoms: अर्थराइटिस यानी गठिया की बीमारी, बुजुर्गों में होने वाली एक बीमारी थी लेकिन अब कम उम्र के लोगों को भी होने लगी है. इस बीमारी के बारे में बात करते हुए मुंबई के सैफी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर मनोज शर्मा बताते हैं कि जब भी इस बीमारी के बारे में बात करते हैं तो सबसे पहले घुटनों में दर्द, जकड़न और सूजन जैसी समस्याएं आती हैं. लेकिन कई बार घुटनों में अत्यधिक लचक या ढीलापन महसूस होना भी जोड़ों में होने वाले शुरुआती बदलावों का संकेत हो सकता है. यह बदलाव कुछ और नहीं बल्कि अर्थराइटिस की बीमारी का लक्षण हो सकता है. गठिया के लक्षणों के बारे में तस्वीरों के जरिए समझे...

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चलने-उठने में कठिनाई होना, अगर किसी को लंबे समय तक खड़े होने, चलने या सीढ़ियां चढ़ते समय घुटनों में कमजोरी या अस्थिरता महसूस हो रही है तो यह गठिया का लक्षण होता है.
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सूजन, गठिया के मरीजों को शुरुआती लक्षणों में अपने पैरों के घुटनों के आसपास सूजन या गर्माहट का अहसास हो सकता है.

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घुटने मोड़ने में दिक्कत, अगर किसी को अपने घुटनों को मोड़ते समय किरकिराहट या क्लिकिंग जैसी आवाजें आ रही है तो उन्हें समझना चाहिए कि यह किसी खतरनाक बीमारी का लक्षण होता है.

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जोड़ों में दर्द, हालांकि, गठिया में लंबे समय तक बैठने के बाद या अत्यधिक शारीरिक गतिविधि करने के बाद दर्द बढ़ सकता है. इसमें मरीजों को रुक-रुक कर तेज दर्द उठता है.

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लालिमा, अर्थराइटिस में सूजन वाले घुटनों में लालपन दिखाई देने लगता है, जो सूजन और रक्त संचार में बदलाव का संकेत होता है.

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जोड़ों का आकार बिगड़ना, अगर किसी को गठिया होता है और उसका लंबे समय तक इलाज नहीं हुआ है तो उनके घुटनों के जोड़ का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है.

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कमजोर घुटने, गठिया होने पर मरीज अपने शरीर का संतुलन नहीं कर पाता है. उसे सही पोश्चर में खड़े होने में दिक्कत होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि घुटनों में दुर्बलता महसूस होती है.

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उपचार, डॉक्टर शर्मा कहते हैं कि गठिया के मरीजों को अपना वजन नियंत्रण में रखना चाहिए, घुटनों को सहारा देने वाले ब्रेस का उपयोग करना चाहिए और आवश्यकतानुसार एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं लेना भी लाभकारी होता है. इसके साथ-साथ उन्हें तैराकी, योगासन और फिजियोथेरेपी भी करवानी चाहिए.