WiFi password na badlna bhi khatarnak: वाई फाई पासवर्ड को लंबे समय तक न बदलना भी खतरनाक साबित हो सकता है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसके लिए लोगों को आगाह किया है. पासवर्ड न बदला जाए तो साइबर क्रिमिनल ब्रूट-फोर्स टूल्स का इस्तेमाल कर वाई-फाई में सेंध लगा सकते हैं. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि वाई फाई पासवर्ड न बदलना ऐसा है जैसे अपने घर का दरवाजा लंबे समय तक खुला छोड़ देना, जहां कोई भी बिना रोक-टोक के अंदर आ सकता है. इससे आपकी निजता और घर की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है. विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग अपने वाई-फाई पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें, मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और राउटर में आधुनिक सुरक्षा सेटिंग्स (जैसे WPA3) सक्षम रखें, ताकि साइबर खतरों से सुरक्षित रह सकें.
पुराने पासवर्ड से कमजोर होता नेटवर्क
विशेषज्ञों के मुताबिक, पुराना पासवर्ड रखने से आपका नेटवर्क कमजोर हो जाता है. हैकर्स आसानी से ब्रूट-फोर्स टूल्स का इस्तेमाल करके आपके वाई-फाई में सेंध लगा सकते हैं. इससे आपके ईमेल, फोटो, फाइलें और बैंकिंग जानकारी तक पहुंच संभव हो जाती है.
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रिपोर्ट के अनुसार, बहुत से लोग अपना वाई-फाई पासवर्ड लंबे समय तक नहीं बदलते. ऐसे में पड़ोसी, मेहमान या अजनबी भी आपका इंटरनेट चुपचाप इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपका डेटा खर्च बढ़ जाता है और इंटरनेट की स्पीड भी धीमी पड़ सकती है, जिससे वीडियो बफरिंग, धीमे डाउनलोड जैसे परेशानियां बढ़ती हैं.
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अनधिकृत डिवाइस आसानी से कनेक्ट
सुरक्षा विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि पुराने पासवर्ड वाले नेटवर्क पर अनधिकृत डिवाइस आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं, जिससे नेटवर्क पर भार बढ़ता है. इससे राउटर ओवरहीट हो सकता है, कनेक्शन टूट सकता है और नेटवर्क की स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
कमजोर वाई-फाई सुरक्षा का एक और बड़ा खतरा हैकिंग है. हैकर्स आपकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं, ब्राउज़र पासवर्ड चुरा सकते हैं और संवेदनशील लेनदेन पर निगरानी रख सकते हैं. इतना ही नहीं, वे आपके स्मार्ट टीवी, कैमरे, स्मार्ट लॉक और अन्य स्मार्ट डिवाइस में भी घुसपैठ कर सकते हैं.
वाई-फाई नेटवर्क पर गैरकानूनी काम
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई मामलों में अपराधियों ने लोगों के वाई-फाई नेटवर्क का दुरुपयोग करके गैरकानूनी काम किए हैं. ऐसी स्थिति में पुलिस की जांच का सामना असली मालिक को करना पड़ सकता है, जबकि अपराध किसी और द्वारा किया गया हो.
कमजोर नेटवर्क से मैलवेयर, रैंसमवेयर और स्पाइवेयर का खतरा भी बढ़ जाता है. ये वायरस आपके उपकरणों को संक्रमित कर सकते हैं, डेटा लॉक कर सकते हैं या फाइलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे महंगी मरम्मत और तकनीकी सहायता की जरूरत पड़ सकती है
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