शादी की पहली रात दूध पीना जरूरी या मजबूरी? क्या कहता है विज्ञान?
एक साहित्यकार ने लिखा है, 'ऊंचाई से नीचे की तरफ भगने का, कार्तिक में हल्की ठंड लगने का और ब्याह वाली रात में जगने का...अपना एक अलग मजा है'। इनमें से शादी की पहली रात अपने आप में खास अहमियत रखती है। यह रात दो जिंदगियों-दो रूहों को एक होने में अहम भूमिका निभाती है। इस रात को लेकर सदियों से एक परम्परा चली आ रही है दूध के गिलास की। कहीं हल्दी वाला दूध तो कहीं केसर वाला दूध दूल्हे को पीने के लिए दिया जाता है। यहां तक कि फिल्में भी इस पहलू से अछूती नहीं हैं। हालांकि असल जिंदगी का सबका अपना-अपना अनुभव है, वहीं इस रस्म को लेकर कई तरह के सवाल भी दिमाग में आते हैं जैसे, क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है?
सोशल मीडिया पर लोगों के तरह-तरह के जवाब
इस सवाल का जवाब पुराने ग्रंथों में और लोगों की बातों में अलग-अलग तरीके से मिलता है। इसी तरह की बहुत सी बातें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Quora पर अक्सर लोगों को सर्च करते देखा जा सकता है। हाल ही में किसी ने पूछा, 'महिलाएं अपनी शादी की रात अपने पति को दूध क्यों देती हैं?' तो इस पर लोगों ने अपने-अपने तरीके से रिएक्ट किया है। विवेक विरल नामक एक शख्स ने लिखा है, 'लगभग हर कोई रात को सोने से पहले दूध पीता है. इसमें कुछ भी नया नहीं है।” हरिशंकर गोयल नाम के एक शख्स ने कहा, ''यह एक रस्म बन गई है, इससे ज्यादा कुछ नहीं'। एक अन्य यूजर ने जवाब दिया है कि इससे पति-पत्नी के बीच नजदीकियां बढ़ती हैं और शादी की रात और भी यादगार बन जाती है। इसी तरह बहुत से अन्य यूजर्स का मानना है कि दूध पीने से पुरुष को ताकत मिलती है, जो शारीरिक संबंधों के दौरान मददगार साबित होता है।
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दूध में होते हैं अनेक गुण
दूसरी ओर केसर वाले दूध को लेकर लोगों की सामान्य प्रतिक्रियाओं को 100% खरा नहीं माना जाता, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों की बात करें तो टाइम्स ऑफ इंडिया और स्कूपवूप जैसी वेबसाइट्स ने भी इस प्रथा की वजह पर बात की है। रिपोर्ट के मुताबिक शादी की रात को पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन की शुरुआत माना जाता है। एक ओर दूध को पवित्र माना जाता है, वहीं इसमें मिठास लाने और इसके गुणों के उपभोग को बढ़ाने के लिए इसमें चीनी, हल्दी या केसर मिला दिया जाता है। केसर को यौन इच्छा बढ़ाने वाला माना जाता है। दूसरी ओर, दूध में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो शरीर को बढ़ने और प्रोटीन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इतना ही नहीं केसर अवसाद को कम कर मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, जो शादी के शुरुआती दिनों में जरूरी प्रक्रिया है। ऐसे में मान लेना चाहिए कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। वैसे भी हर परम्परा के मूल का भले ही हमें ज्ञान हो या न हो, पर हर चीज के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण होता ही होता है।
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नहीं रहता पहली बार के रिलेशन से होने वाले इन्फेक्शन का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो शादी को लेकर बहुत से लोग तनाव में आ जाते हैं और उसके चलते दूल्हा-दुल्हन का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। दूध पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होता है। दूध में मौजूद विटामिन डी से सेरोटिन नाम का हार्मोन बनता है, जो आपके मूड को प्रभावित करता है। साथ ही इसे पीते ही थकान भी भाग जाती है। दूध में मौजूद प्रोटीन की मदद से टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्रोजन नामक दो सेक्स हॉरमोन भी बनते हैं। हल्दी, सौंफ और काली मिर्च डाले जाने की वजह से दूध के गुण बढ़ जाते हैं। एंटी-बैक्टेरियल और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाले गुण आ जाते हैं, जिसकी वजह से पहली बार शारीरिक संबंध बनाने पर इन्फेक्शन का खतरा नहीं रहता। कुल मिलाकर हमें इस प्रथा की शुरुआत वाले सवाल को छोड़कर इसके वैज्ञानिक पहलू पर ही फोकस करना चाहिए, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।
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