Kerala News: महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा कर विवादों में आईं एनआईटी कालीकट की महिला प्रोफेसर शैजा अंदावन को 2 साल के लिए योजना एवं विकास विभाग की डीन नियुक्त किया गया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है। डॉ. शैजा ने कहा था कि भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है। वे वर्तमान में एनआईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं। शैजा ने पिछले साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर गोडसे की प्रशंसा की थी। अब उनको संस्थान का डीन नियुक्त किए जाने से परिसर में विवाद खड़ा हो गया है।
यह भी पढ़ें: Gujarat Weather: महाशिवरात्रि पर गुजरात के लिए IMD का येलो अलर्ट; भीषण गर्मी की चेतावनी
वे अप्रैल से डीन का कार्यभार संभालेंगी। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर फैसला वापस नहीं लिया गया तो वह आंदोलन शुरू करेगी। शैजा ने 2024 में फेसबुक पर विवादित पोस्ट डाली थी। उसमें लिखा था कि भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है। वे एक वकील की पोस्ट पर टिप्पणी कर रही थीं। उसमें लिखा था कि हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के नायक है। विवाद बढ़ता देख शैजा ने टिप्पणी हटा ली थी, लेकिन इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया था। उनके खिलाफ कोझिकोड पुलिस को कई शिकायतें मिली थीं। पुलिस ने मामले में धारा-153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) के तहत शैजा के खिलाफ FIR दर्ज की थी। विभिन्न वामपंथी और कांग्रेस संगठनों ने उनको बर्खास्त करने की मांग की थी।
शैजा ने दी थी ये सफाई
शैजा ने अपनी सफाई में कहा था कि मेरी टिप्पणी गांधीजी की हत्या की सराहना करने के लिए नहीं थी। मैं ऐसा कभी नहीं करना चाहती थी। मैंने गोडसे की किताब 'Why I Killed Gandhi' पढ़ी थी। गोडसे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उनकी किताब में बहुत सी जानकारी और खुलासे हैं, जो आम आदमी नहीं जानता। हां, उन्होंने एक वकील की फेसबुक पोस्ट पर टिप्पणी की थी। मेरी बात को लोगों ने तोड़-मरोड़कर पेश किया तो मैंने उसे हटा दिया।
यह भी पढ़ें: विमल कौशिक गैंग का इनामी बदमाश चढ़ा नोएडा STF के हत्थे; 3 राज्यो में 8 से ज्यादा केस दर्ज
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नए घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से शैजा ने इनकार कर दिया है। वहीं, कांग्रेस कोझिकोड जिला समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने मांग की है कि उनकी नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए। उनको नई जिम्मेदारी देना दर्शाता है कि केंद्र सरकार के अधीन आते संस्थानों में RSS का एजेंडा लागू किया जा रहा है। गांधीजी का अपमान करने वाले एक प्रोफेसर को पदोन्नति की गई है। उनकी नियुक्ति वापस नहीं ली जाती तो वे आंदोलन करेंगे।