Who is Tribal 'king' Raman Rajamannan?: नई दिल्ली के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार एक आदिवासी 'राजा' शामिल हुआ है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओआर केलू के निमंत्रण पर केरल के मन्नान समुदाय के 'राजा' रमन राजमन्नन 26 जनवरी को अपनी पत्नी बिनुमोल के साथ दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। यह पूरे समुदाय के लिए गर्व की बात है। राजा रमन राजमन्नन की वजह से आज पूरे 'मन्नान समुदाय' को एक खास पहचान मिली है।
कौन हैं राजा रमन राजमन्नन?
बता दें कि राजा रमन राजमन्नन 'मन्नान समुदाय' के 17वें राजा हैं। रमन राजामन्नन इडुक्की जिले में 48 बस्तियों में रहने वाले मन्नान जनजाति के 300 परिवारों के मुखिया हैं। साल 2012 में आर्यन राजमन्नन की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने छोटे से राज्य की सत्ता संभाली थी। मन्नान समुदाय के रीति-रिवाजों और उत्सवों में राजा की एक खास जगह होती है। राजा रमन राजमन्नन ने इकोनॉमी में ग्रेजुएशन किया है और आज एक किसान की तरह साधारण जीवन जीते हैं। राजा रमन राजमन्नन एक ऐसे राजा हैं, जिनके पास कोई शाही महल या रथ नहीं है। राजा होते हुए वह एक साधारण से घर में रहते हैं। रमन राजमन्नन अपने परिवार के साथ एक स्थानीय मंदिर का काम संभालते हैं।
कैसे काम करता है मन्नान समुदाय?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'मन्नान समुदाय' के राजा के पास वैसे तो कोई नागरिक समाज में अधिकार या कर्तव्य नहीं होते हैं। लेकिन समुदाय के राजा के पास 4 उपराजा (डिप्टी), एक इलियाराजा (राजकुमार) और 50 कानी (मंत्रिपरिषद सदस्य) होते हैं, जिनकी मदद से राजा सामुदायिक मामलों की देखरेख करता है। कथित तौर पर ऐसा माना जाता है कि मन्नान समुदाय मातृसत्तात्मक प्रणाली का पालन करता है।
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परेड के बाद क्या करेंगे राजा रमन
गणतंत्र दिवस परेड के बाद 'राजा' रमन राजमन्नन और उनकी पत्नी बिनुमोल विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे। इस दौरान दो मंत्री और सैनिक उनकी सहायता करेंगे। इसके बाद 2 फरवरी को वापस लौटेंगे। इस यात्रा का खर्च अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा उठाया जाएगा। इस बात की जानकारी मंत्री केलू ने पहले ही सोशल मीडिया पर पोस्ट में दे दी थी।