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क्या होती है ‘Rat Hole’ माइनिंग तकनीक, कैसे होती है खुदाई? जिससे असम की खदान में फंसे 18 लोग

What is Rat Hole Mining Technique: असम में बड़ा हादसा हुआ है। एक रैट होल खदान की खुदाई के दौरान 18 मजदूर फंस गए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। रेट होल माइनिंग के बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Jan 6, 2025 21:00
Assam News

Rat Hole Mining Technique: असम के दीमा हसाओ जिले के औद्योगिक शहर उमरांग्सो में बड़ा हादसा हुआ है। यहां 300 फीट गहरी खदान में खुदाई के दौरान पानी भरने से 18 मजदूर फंस गए हैं। जिसके बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। सूत्रों के मुताबिक ‘रैट होल’ खदान में करीब 100 फुट तक पानी भर चुका है। यह इलाका मेघालय बॉर्डर के पास पड़ता है। मजदूर 50 से 100 फीट के बीच फंसे बताए जा रहे हैं। असम पुलिस रेस्क्यू में जुटी है। फिलहाल दो मोटर पंपों के सहारे टनल से पानी बाहर निकाला जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए गुवाहाटी से भी कई टीमों को रवाना किया गया है। रैट होल माइनिंग तकनीक के बारे में जानते हैं।

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इस तकनीक को विवादास्पद और खतरनाक माना जाता है। इस तकनीक में 4 फीट से कम चौड़ा गड्ढा खोदा जाता है। जिसके बाद कोयला निकाला जाता है। एक बार जब मजदूर कोयले की सीमा तक खुदाई कर देते हैं तो बगल से और सुरंगें खोदी जाती हैं। जिसमें निकाले गए कोयले को डंप किया जाता है। बाद में इसे बाहर निकाल लिया जाता है।

इस तकनीक में खुदाई छेनी-हथोड़ों से ही की जाती है। मलबा तसले के सहारे ऊपर पहुंचाया जाता है। मेघालय और असम के कई हिस्सों से इसी तकनीक से खुदाई की जाती है। यहां कोयले की काफी पतली सुरंगें हैं। सुरंगों का आकार छोटा होता है, लिहाजा इसमें किशोरों और छोटे बच्चों की मदद भी ली जाती है। कई बच्चे काम के बदले पैसे के लालच में खुद को वयस्क बताते हैं।

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मेघालय में 24 हजार खदानें अवैध

रैट होल सुरंगें संकरी होती हैं, जो पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह मानी जाती हैं। क्योंकि खानों से निकलने वाले अम्लीय पानी और भारी धातुओं से धरती को नुकसान पहुंचता है। इससे कृषि और मानव उपभोग के लिए उपयोग किए जाने वाले जल स्रोतों का पानी जहरीला हो जाता है। इससे पहले 2018 में मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में बड़ा हादसा हुआ था।

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इस दौरान एक अवैध कोयला खदान में पास की नदी का पानी घुस गया था, जिसकी वजह से 15 लोग फंस गए थे। हादसे के बाद सिर्फ दो ही लोगों के शव मिले थे। एक अनुमान के अनुसार मेघालय में 24 हजार खदानें अवैध हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2019 में राज्य पर अवैध कोयला खनन को रोकने में विफल रहने पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

First published on: Jan 06, 2025 09:00 PM

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