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जब तक दुल्हन 7 फेरे पूरे न करे, तब तक वह पत्नी होगी या नहीं…पढ़ें हाईकोर्ट की विशेष टिप्पणी

High Court Judgement Over Hindu Marriage Validation: जब तक पूरे न हों फेरे सात, तब तक दुल्हन पत्नी कहलाएगी या नहीं, इस पर देश की एक हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 का प्रावधान बताते हुए कहा कि हिन्दू धर्म के लड़का-लड़की जब तक सात फेरे पूरे […]

Edited By : Khushbu Goyal | Oct 6, 2023 06:57
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Hindu Marriage Validation

High Court Judgement Over Hindu Marriage Validation: जब तक पूरे न हों फेरे सात, तब तक दुल्हन पत्नी कहलाएगी या नहीं, इस पर देश की एक हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 का प्रावधान बताते हुए कहा कि हिन्दू धर्म के लड़का-लड़की जब तक सात फेरे पूरे नहीं कर लेगें, तब तक वे पति-पत्नी नहीं कहलाएंगे। सात फेरे पूरे होने के बाद ही शादी वैध मानी जाएगी।

अग्नि के चारों तरफ फेरे लेना अनिवार्य

उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक केस में फैसला सुनाते हुए ऐतिहासिक टिप्पणी की। जस्टिस संजय कुमार सिंह ने कहा कि हिन्दू विवाह के लिए सप्तपदी कार्यक्रम अनिवार्य है। पवित्र अग्नि के चारों तरफ दूल्हा-दुल्हन का सात फेरे लेना आवश्यक है। हाइकोर्ट ने मिर्जापुर की स्‍मृति सिंह की याचिका पर सुनवाई की और स्‍मृति के खिलाफ दर्ज शिकायत को रद्द कर दिया।

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41 साल पुराने गाने का उदाहरण दिया

जस्टिस संजय सिंह ने 41 साल पहले बनी सुपरहिट फिल्‍म ‘नदिया के पार’ का जिक्र किया। इसका एक गाना बहुत मशहूर हुआ था, जिसके बोल थे- ‘जब तक पूरे न हों फेरे सात, तब तक दुलहिन नहीं दुलहा की, रे तब तक बबुनी नहीं बबुवा की, न जब तक पूरे न हों फेरे सात। इसका उदाहरण देते हुए एक महत्‍वपूर्ण केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

निचली अदालत ने यह फैसला दिया था

बता दें कि 2017 में स्मृति सिंह और सत्यम सिंह की शादी हुई थी, लेकिन दोनों साथ नहीं रह पाए। स्‍मृति मायके में रहने लगी। पति और ससुरालियों के खिलाफ उसने दहेज उत्‍पीड़न का केस कराया। स्‍मृति ने भरण पोषण के लिए याचिका लगाई। मिर्जापुर फैमिली कोर्ट ने 11 जनवरी 2021 को सत्‍यम सिंह को हर महीने 4 हजार स्मृति को देने का आदेश सुनाया।

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पति ने दूसरी शादी का आरोप लगाया

फैसले के अनुसार, यह पैसा स्‍मृति को तब तक दिया जाना था, जब तक वह दूसरी शादी नहीं कर लेती। सत्‍यम ने स्मृति पर तलाक लिए बिना दूसरी शादी करने का आरोप लगाया। साथ ही वाराणसी जिला अदालत में परिवाद दाखिल किया। 20 सितंबर 2021 को निचली अदालत ने 21 अप्रैल 2022 को स्‍मृति सिंह को समन जारी करके पेश होने का आदेश दिया।

आदेश के खिलाफ स्मृति ने हाईकोर्ट का रूख किया और जज ने स्मृति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विशेष टिप्पणी की।

First published on: Oct 06, 2023 06:57 AM
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