नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और रेणुका सिंह ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी के त्यागपत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर भी कर लिए हैं। इसी के साथ नरेंद्र मोदी सरकार ने इनकी जगह नई जिम्मेदारियों को लेकर भी फैसला कर लिया है। अब अर्जुन मुंडा, शोभा करंदलाजे, राजीव चन्द्रशेखर और भारती पवार छोड़े गए मंत्रालयों के प्रभार संभालेंगे।
ये है 14 दिन में इस्तीफे का नियम
बता देना जरूरी है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हाल ही में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ाया था। ये तीनों चुनाव जीतकर पार्टी की तरफ से दी गई नई जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। इसी के साथ इन्हें नियमानुसार अपने मंत्री पद को छोड़ना था। जहां तक नियम की बात है, संविधान के अनुच्छेद 101 के तहत 1950 में राष्ट्रपति द्वारा जारी ‘एक साथ दो सदनों की सदस्यता का प्रतिषेध संबंधी नियम’ संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचारी बताते हैं कि विधानसभा चुनाव जीत चुके सांसदों या मंत्रियों के पास अब से 14 दिन का वक्त होता है। इन 14 दिन के भीतर इन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया तो फिर नियमानुसार इनकी सदस्यता अपने आप भंग हो जाती है।
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अर्जुन मुंडा बने कृषि मंत्री, और कौन-क्या?
इसी के चलते गुरुवार को तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने अपने-अपने इस्तीफे राष्ट्रपति को सौंप दिए, जिन्हें राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है। इसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर की जगह अब अर्जुन मुंडा कृषि मंत्रालय देखेंगे। प्रह्लाद सिंह पटेल के जलशक्ति मंत्रालय का प्रभार राजीव चंद्रशेखर को राज्य मंत्री के रूप में दिया गया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री शोभा करंडलाजे को नई जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा भारती प्रवीन पवार आदिवासी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री रहेंगे।
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