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एक पावर ग्रिड से जुड़ा पूरा देश, लेकिन कैसे हुआ ये मुमकिन? नहीं जानते होंगे ये बातें

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को बताया कि अब पूरा देश एक Power Grid से जुड़ गया है। केंद्र ने 1,93,000 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई हैं, जो एक ग्रिड से जुड़े हुए हैं।

एक पावर ग्रिड से जुड़ा पूरा देश (फोटो- एएनआई)
Union minister RK Singh says Entire Country Now Connected To One Power Grid:  केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने मंगलवार को बताया कि पूरा देश अब एक पावर ग्रिड से जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि  केंद्र सरकार ने देश में 1,93,000 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई हैं, जो एक ग्रिड से जुड़ी हुई हैं। हम 2014 में केवल 36,000 मेगावोल्ट ट्रांसफर कर सकते थे, लेकिन अब हम 1,16,000 मेगावोल्ट ट्रांसफर कर सकते हैं। हमने 7,00,000 नए ट्रांसफार्मर भी लगाए हैं। 'अब पूरा देश एक ग्रिड से जुड़ गया है' आरके सिंह ने कहा कि अब पूरा देश एक ग्रिड से जुड़ गया है। हम 2014 में 36,000 मेगावाट बिजली देश के एक कोने से दूसरे कोने तक भेज सकते थे। इसके बाद हमने वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए और अधिक काम किया है। उन्होंने बताया कि करीब 3000-4000 नए सब्सक्राइबर्स बनाने में करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए। यही नहीं, लगभग 8.30 लाख सर्किट लाइट और एलईडी लाइट के साथ-साथ लगभग 7 लाख नए ट्रांसफार्मर भी लगाए गए। 'पहले साढ़े बारह घंटे मिलती थी बिजली, अब 22 घंटे' केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जहां 2014 में ग्रामीण इलाकों में केवल साढ़े बारह घंटे बिजली मिलती थी, वहीं अब आपूर्ति बढ़कर 21-22 घंटे हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 2014-15 में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 12.5 घंटे थी। अक्सर ओवरलोडिंग होती थी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित और बाधित होती थी। हालांकि, नए कानून के तहत अब ऐसा नहीं होगा। अब, जो लोग जानबूझकर ऐसा करते पाए जाएंगे, उनके ऊपर ओवरलोड पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह भी पढ़ें: पीएम किसान योजना में जुड़े हर 4 लाभार्थियों में 1 महिला! क्या कहता है पिछले 2 महीने का डाटा? 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन का लक्ष्य नौ साल पहले किया हासिल केंद्रीय मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों पर कहा कि हमने नवीकरणीय ऊर्जा को हरित बनाने के लिए आवश्यक बदलाव किए हैं। उन्होंने बताया कि हमने वादा किया था कि 2030 तक हमारी बिजली उत्पादन क्षमता 40 प्रतिशत होगी। हमने यह लक्ष्य 2021 में ही पूरा कर लिया। वाणिज्यिक घाटे को किया कम आरके सिंह ने कहा कि 2014 में वितरण कंपनी का कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटा 27 प्रतिशत था, लेकिन हमने इसे घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया है।  हमने वितरण कंपनियों के घाटे को 12 प्रतिशत तक कम कर दिया है। हमने कंपनियों के घाटे को 125,000 करोड़ रुपये से 50,000 करोड़ रुपये तक कम कर दिया है। यह भी पढ़ें: डीपफेक की बढ़ती घटनाओं को लेकर क्या है केंद्र सरकार का प्लान? केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी


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