असम के कार्बी आंगलोंग जिले में लंबे वक्त से चल रहे जमीनी विवाद की वजह से हिंसा फिर से भड़क गई. हालात इतने बेकाबू हो गए कि 2 लोगों की मौत हो गई और 45 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें से 38 पुलिसकर्मी हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए असम सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है, साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं. हमलावरों ने खेरोनी और आसपास के इलाकों में घरों, दुकानों में तोड़फोड़ की, कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद ये भीड़ रोंगहांग के निर्वाचन क्षेत्र डोंगकामोकाम पहुंच गई और उनके पैतृक आवास को आग लगा दी.
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क्या है हिंसा की वजह?
असम में जो हिंसा हो रही है उसकी वजह है विलेज ग्रेजिंग रिजर्व (VGR) और प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व (PGR) जमीन पर कथित अतिक्रमण. लोग इसे हटाने की लगातार मांग कर रहे हैं. ये ऐसे इलाके हैं जो आदिवासी भूमि अधिकारों की सेफ्टी के लिए संविधान की छठी अनुसूची (sixth schedule) के तहत रखे गए हैं. ये मामला गुवाहाटी हाई कोर्ट में चल रहा है, जिसने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसी मामले को लेकर 9 लोग भूख हड़ताल कर रहे थे जिन्हें पुलिस मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए ले गई थी, लेकिन अफवाह ये फैल गई कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है. ये सुनते ही विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया और लोग तोड़फोड़, आगजनी पर उतारू हो गए.
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रैलियों, लाउडस्पीकर पर बैन
पुलिस ने बिगड़े हालातों को काबू करने के लिए धारा 163 लोग की है, जिसके मुताबिक 5 या ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा रैलियों, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी बैन है. शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है. असम सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि किसी भी तरह के भड़काऊ बयान और अफवाहें ना फैलाएं. सीएम हिमंता बिस्वा का कहना है कि सरकार इस मामले पर निगरानी बनाए हुए है और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती भी की गई है.
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