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हैदराबाद या भाग्यनगर… जानें इसके पीछे की क्या है Love Story

पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को भाग्यनगर बताया था। दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेलंगाना में चुनौवी रैली करते हुए कहा था कि हैदराबाद फिर से 'भाग्यनगर' बनेगा।

Telangana Assembly Election 2023 : तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। कर्नाटक में जीत के बाद इस बार कांग्रेस ने इस राज्य को अपना चुनावी केंद्र बनाया है, जबकि हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में ज्यादा सीट जीतने से भारतीय जनता पार्टी का भी मनोबल बढ़ा है। इसके बाद भाजपाइयों ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की मांग की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यानाथ भी अपने भाषणों में इस मुद्दे को उठा चुके हैं। अब सवाल उठता है कि क्या सच में हैदराबाद पहले भाग्यनगर था? आइये जानते हैं इसके पीछे की लव स्टोरी। जानें क्या है लव स्टोरी कुछ इतिहासकारों का कहना है कि भाग्यवती नाम की एक नर्तकी थी और इसी से जुड़ी भाग्यनगर की दास्तां है. यह लव स्टोरी करीब 500 साल पुरानी है। कहा जाता है कि मुगल शासक के सुल्तान कुली कुतुब शाह को इतना प्यार था कि वे मुसी नदी पार कर जान जोखिम में डालकर उस नर्तकी से मिलने के लिए जाते थे। जब इस बात की जानकारी गोलाकुंडा के शासक इब्राहिम कुतुब शाह वली को हुई तो उन्होंने मुसी नदी पर एक पुल बनवा दिया। बाद में शासन मिलने के बाद सुल्तान कुली कुतुब शाह ने शहर का नाम बदलकर भाग्यनगर कर दिया था। यह भी पढ़ें : Watch Video: तेलंगाना रैली में PM की नजरों में आई एक बच्ची, जिसकी मंच से मोदी ने की तारीफ, दिया आशीर्वाद News24 अब WhatsApp पर भी, लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़िए हमारे साथ यह भी पढ़ें : तेलंगाना की रैली में बोले पीएम मोदी- राहुल गांधी को अमेठी छोड़ केरल तो KCR को भी पड़ा भागना जानें भाग्यनगर पर इतिहासकारों को अलग-अलग मत हैदराबाद में भाग्यनगर को लेकर सैकड़ों साल पुरानी एक लव स्टोरी है. इसे लेकर इतिहासकारों को अपना अलग-अलग मत है. कुछ इतिहासकार बताते हैं कि पहले हैदराबाद का नाम भाग्यनगर था और बाद में बदलकर हैदर और हैदराबाद हो गया. जानें क्यों उठी भाग्यनगर की मांग पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को भाग्यनगर बताया था। दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेलंगाना में चुनौवी रैली करते हुए कहा था कि हैदराबाद फिर से 'भाग्यनगर' बनेगा। इसके बाद से ही हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसे तो आपको पता है कि कैसे सरदार पटेल के कड़े फैसले की वजह से भारत में हैदराबाद का विलय संभव हो पाया था।


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